बस्ती , 15 सितंबर : लाइव भारत समाचार :- भारत विकास परिषद वशिष्ठ शाखा द्वारा रोडवेज बस्ती पर आयोजित थैली छोड़ो तथा थैला पकड़ो अभियान और हिंदी दिवस खुला मंच कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नगर पालिका परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि अंकुर वर्मा का स्वागत अध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव सचिव डॉ कृष्ण कुमार और कोषाध्यक्ष प्रमोद तिवारी द्वारा बैज अलंकरण कर, पट्टिका पहनाकर किया गया गोरक्ष प्रांत उपाध्यक्ष पर्यावरण डॉ डीके गुप्ता ,प्रांत पदाधिकारी नीलम सिंह, संरक्षक डॉक्टर पीएन सिंह, महेंद्र सिंह, डॉ एसपी भारती ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया सर्वप्रथम भारत माता और विवेकानंद जी की फोटो पर माल्यार्पण पर तथा दीप प्रज्ज्वलन मुख्य अतिथि द्वारा किया गया तत्पश्चात सभी उपस्थित जनों द्वारा वंदे मातरम गायन किया गया मुख्य अतिथि अंकुर वर्मा ने अपने संबोधन में कहा भारत विकास परिषद वशिष्ठ शाखा द्वारा पर्यावरण संरक्षण को लेकर “थैली छोड़ो थैला पकड़ो” अभियान कार्यक्रम में उपस्थित होते हुए ठेला,व्यापारी बंधुओं से पालीथीन ना प्रयोग करने की अपील किया।
हिंदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित समस्त कवियों के काव्यपाठ को सुना एवं हिंदी भाषा हमारी संस्कृति, संस्कार एवं स्वाभिमान की प्रतीक है, हमें बंधुत्व के आत्मीय भाव से जोड़ती है। हम इसके विस्तार एवं विकास हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं। साथ में यह भी कहा कि नगर पालिका परिषद शहर के लोगों से अपील करती है कि हम सभी सिविक सेंस को विकसित करें डस्टबिन संस्कृति को अपनाएंगे और शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने में सहयोग प्रदान करें
कार्यक्रम के आयोजन के लिए अध्यक्ष श्री आशीष श्रीवास्तव सहित सभी सदस्यों को हार्दिक प्रेषित की । प्रांतीय उपाध्यक्ष पर्यावरण डॉक्टर डीके गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा पॉलिथीन के उन्मूलन का कार्यक्रम शाखा द्वारा सतत किया जाएगा कपड़े के झोले और पॉलिथीन बैग में बड़ा अंतर यह है कि कपड़े के झोले बायोडिग्रेडेबल होते हैं, जबकि पॉलिथीन बैग पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। कपड़े के झोले को कई बार उपयोग किया जा सकता है, जिससे कचरे की मात्रा कम होती है, जबकि पॉलिथीन एकल उपयोग के बाद फेंक दिया जाता है। पॉलिथीन जल निकासी में रुकावट और जलवायु परिवर्तन में योगदान करता है, जबकि कपड़े के झोले पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। कपड़े के झोले मिट्टी और पानी को नुकसान नहीं पहुंचाते, जबकि पॉलिथीन जीवों के लिए घातक साबित होता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए कपड़े के झोले का उपयोग बेहतर विकल्प है।
अध्यक्ष आशीष कुमार श्रीवास्तव ने लोगों को जागरुक करते हुए कहा भारत विकास परिषद वशिष्ठ शाखा द्वारा निष्प्रयोज्य कपड़ों को लिया जा रहा है और सामुदायिक सहभागिता के अंतर्गत दिव्यांग व टेलरिंग में हुनरमंद तथा राधेश्याम द्वारा सिलवाकर आमजन के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं , इससे हुनर को मिला काम ,दाम व सम्मान शाखा चरितार्थ कर रही है इसी क्रम में आयोजित हिंदी दिवस पर सभी कवियों को मोमेंटो तथा प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया हिंदी दिवस के बारे में अध्यक्ष द्वारा कहा गया भारत में हर भाषा का सम्मान है पर हिंदी ईश्वर का वरदान है। सचिव डॉक्टर कृष्ण कुमार प्रजापति ने संवाद स्थापित करते हुए कहा आज के कार्यक्रम में स्वयं को शामिल करते हुए ऐसा लग रहा है कि हम पुण्य के भागी बन रहे हैं क्योंकि ईश्वर द्वारा बनाई गई दुनिया में प्लास्टिक का समावेश एक कचरे के रूप में है और हम इस कचरे की शून्यता तक यह अभियान जारी रखेंगे कोषाध्यक्ष प्रमोद तिवारी ने अपने संबोधन में कहा प्रतिदिन हम सभी जाने अनजाने में प्लास्टिक का प्रयोग कर रहे हैं बढ़ते हुए स्वास्थ्य समस्याएं तथा चिंता का जनक प्लास्टिक है इसे सजग रहते हुए हमें उन्मूलित करने के प्रयास करने हैं
प्रांत पदाधिकारी नीलम सिंह ने अपने संबोधन में कहा शाखा द्वारा लगातार सृजनात्मक और संरचनात्मक कार्य लोकहित में पर्यावरण हित में किए जा रहे हैं संबोधन के क्रम में डॉ पी एन सिंह बताया मेडिकल रिसर्च के अनुसार, प्लास्टिक के उपयोग से पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ता है, क्योंकि यह नॉन-बायोडिग्रेडेबल होता है। इसके केमिकल्स उपकरणों और सैंपल्स को दूषित कर सकते हैं, जिससे परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। प्लास्टिक कचरे के निपटान से स्वास्थ्य और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। महेंद्र सिंह द्वारा हिंदी दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की गई और कहा गया हिंदी हैं हम वतन हैं पर एक बार फिर से कार्य करने की आवश्यकता है विशेष रूप से छात्रों में हिंदी के प्रति रुचि को बढ़ाने के लिए निबंध प्रतियोगिता हिंदी लेखन प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रम आयोजित कराया जाना प्रस्तावित है
संबोधन के क्रम में राकेश पांडेय ने बताया हिंदी मात्र भाषा नहीं है बल्कि यह मातृभाषा है जिस स्थान पर आपका जन्म हुआ है अगर वह स्थान परिवेश समाज आपसे गौरवान्वित नहीं है तो मंथन करने की आवश्यकता है शाखा द्वारा आयोजित कार्यक्रम पर्यावरण और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे संबोधन के क्रम में अनुराग शुक्ला उमंग शुक्ला बृजमोहन शुक्ला आदि लोगों द्वारा अपनी बात रखी गई कार्यक्रम में कवियों की श्रृंखला में डॉक्टर शिव त्रिपाठी लाल देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव प्रतिमा श्रीवास्तव हरिकेश प्रजापति कुलदीप सिंह द्वारा रचनाएं प्रस्तुत की गई जो हिंदी दिवस की महत्व को विस्तारित की, कार्यक्रम में सैयद फैसल और अभिषेक नारायण द्वारा देश तथा पर्यावरण को केंद्रित करते हुए गीत गाये गए जिससे लोगों में पर्यावरण और राष्ट्र के प्रति चेतना जागृत हुई। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ बीना मिश्रा का सम्मान किया गया और नए सदस्य विजय मद्धेशिया, शिवनंदन मिश्रा हरिकेश प्रजापति को भारत विकास परिषद में जोड़ा गया। थैली छोड़ो थैला पकड़ो कार्यक्रम के संयोजक रामकुमार वर्मा और अनु गुप्ता रहे ,मंच का संचालन डॉ कृष्ण कुमार तथा डॉ शिवा त्रिपाठी ने किया कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ एस पी भारती,डॉ संगीता यादव अविनाश श्रीवास्तव अंजना श्रीवास्तव रामकुमार वर्मा अनू गुप्ता अनिल पांडे संतोष पांडे विनय श्रीवास्तव संतोष सिंह नीरज त्रिपाठी पीयूष सचदेवा अखिलेश सिंह रणदीप माथुर साहित तमाम लोग उपस्थित रहे। अंत में डॉक्टर संगीता यादव द्वारा आए हुए सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया। अंत में अभिषेक नारायण एफॉरेस्टेशन के सहयोग से सम्मिलित सभी जन को पीपल का पौधा सजीव स्मृति के रूप में प्रदान किया गया सचिव डॉ कृष्ण कुमार द्वारा सूचना दी गई कि भारत विकास परिषद वशिष्ठ शाखा द्वारा भारत को जानो प्रतियोगिता और राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है इच्छुक विद्यालय संपर्क कर सकते हैं। शपथ तथा राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
रिपोर्ट ,बस्ती ब्यूरो : लाइव भारत समाचार