लाइव भारत समाचार में आपका स्वागत है   खतरे के निशान पर बूढ़ी राप्ती, बिस्कोहर पचपेड़वा मार्ग पर बह रहा पानी,घरों में कैद हुए लोग सैकड़ो बीघा खेत जलमग्न,मुख्य मार्ग पर बह रहा पानी । नेपाल के पहाडों पर लगातार हो रही बारिश से इटवा तहसील क्षेत्र के बूढ़ी राप्ती कहर बरपा रही है।जलस्तर बढ़ने से राप्ती का पानी तटवर्ती गांवों की ओर बढ़ चला है।जिससे लोग सहमे हुए है। दर्जनो गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।परसोहन इमलिया लमुइया कोहलवा बसन्तपुर बेलभरिया पटवरिया आदि गांवों की अधिकतर फसल बढ़ते जलस्तर के चलते डूब गयी है।बिस्कोहर पचपेड़वा मार्ग पर परसोहन पुल के पास से इमलिया के पास पानी बहाव शुरू हो जाने से आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रास्ते पर भरे पानी के बीच जैसे-तैसे लोग निकल रहे हैं।तटवर्ती ग्रामीण नियमतुल्लाह ने बताया कि पुल के अप्रोच के पटरी कट कर ध्वस्त हो चुका है जिससे डर यह लग रहा कि पुल का रास्ता का आवगमन न बन्द हो जाय जब समय था तब जिम्मेदार लोग मौन साधे बैठे रहते है व क्षेत्रवासियों का जलजमाव को लेकर कहना कि रात की नींद दिन का सुकून दोनो ही छीन लिया है।यदि नंदी का जलस्तर फिर से बढ़ता है तो हम तटवर्ती ग्रामीणों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। अभी फसल की रोपाई हुए एक माह भी पूरा नही हुआ है।यदि ऐसा ही रहा तो हम किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा पानी का जलस्तर बढ़ने से बेसहारा पशु चारो तरफ से बाढ़ के पानी से घिरे है । रिपोर्ट , सन्दीप पाण्डेय
सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

खतरे के निशान पर बूढ़ी राप्ती, बिस्कोहर पचपेड़वा मार्ग पर बह रहा पानी,घरों में कैद हुए लोग

 

खतरे के निशान पर बूढ़ी राप्ती, बिस्कोहर पचपेड़वा मार्ग पर बह रहा पानी,घरों में कैद हुए लोग

सैकड़ो बीघा खेत जलमग्न,मुख्य मार्ग पर बह रहा पानी ।

नेपाल के पहाडों पर लगातार हो रही बारिश से इटवा तहसील क्षेत्र के बूढ़ी राप्ती कहर बरपा रही है।जलस्तर बढ़ने से राप्ती का पानी तटवर्ती गांवों की ओर बढ़ चला है।जिससे लोग सहमे हुए है। दर्जनो गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।परसोहन इमलिया लमुइया कोहलवा बसन्तपुर बेलभरिया पटवरिया आदि गांवों की अधिकतर फसल बढ़ते जलस्तर के चलते डूब गयी है।बिस्कोहर पचपेड़वा मार्ग पर परसोहन पुल के पास से इमलिया के पास पानी बहाव शुरू हो जाने से आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रास्ते पर भरे पानी के बीच जैसे-तैसे लोग निकल रहे हैं।तटवर्ती ग्रामीण नियमतुल्लाह ने बताया कि पुल के अप्रोच के पटरी कट कर ध्वस्त हो चुका है जिससे डर यह लग रहा कि पुल का रास्ता का आवगमन न बन्द हो जाय जब समय था तब जिम्मेदार लोग मौन साधे बैठे रहते है व क्षेत्रवासियों का जलजमाव को लेकर कहना कि रात की नींद दिन का सुकून दोनो ही छीन लिया है।यदि नंदी का जलस्तर फिर से बढ़ता है तो हम तटवर्ती ग्रामीणों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। अभी फसल की रोपाई हुए एक माह भी पूरा नही हुआ है।यदि ऐसा ही रहा तो हम किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा पानी का जलस्तर बढ़ने से बेसहारा पशु चारो तरफ से बाढ़ के पानी से घिरे है ।

रिपोर्ट , सन्दीप पाण्डेय

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