आज भारत आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. देश के 76 वें स्वतंत्रता दिवस पर देश के अलग-अलग हिस्सों में तिरंगा फहराया गया.यह नौवां मौका था, जब प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया। हर मौके पर प्रधानमंत्री के साफे का रंग बदलता रहा। इस बार उन्होंने तिरंगे की धारियों वाला साफा पहना था। यह पीछे की ओर से लंबा था। पिछली बार वह केसरिया साफे में नजर आए थे। इससे पहले वह इस मौके पर पीले, गुलाबी और सुनहरे रंग के साफे भी पहन चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण से साफ था कि देश जिन दो शब्दों के सहारे अगले 25 साल का सफर तय कर सकता है, वे शब्द हैं- सामर्थ्य और संकल्प। उन्होंने अपने भाषण में करीब-करीब 25 बार सामर्थ्य-संकल्प शब्द का जिक्र किया। पंच प्रणों के बारे में बताया और लाल बहादुर शास्त्री और अटल बिहारी वाजपेयी के नारे को विस्तार दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहला प्रण है कि अब देश बड़े संकल्प लेकर ही चलेगा। यह बड़ा संकल्प है- विकसित भारत, उससे कुछ कम नहीं। दूसरा प्रण है कि किसी भी कोने में हमारे मन और आदतों के भीतर गुलामी का एक भी अंश अब भी मौजूद है तो उसे किसी भी हाल में रहने नहीं देना है। तीसरा प्रण है कि हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए। इसी विरासत ने हमें स्वर्णकाल दिया, इसी विरासत ने समयानुकूल हमें बदलाव के लिए प्रेरित किया। इसलिए इस विरासत के प्रति हमें गर्व होना चाहिए। चौथा प्रण भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यह है- एकता और एकजुटता। 130 करोड़ देशवासियों में एकता हो, न कोई अपना, न कोई पराया। पांचवां प्रण है कि नागरिकों का कर्तव्य, जिससे प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री भी बाहर नहीं होता।
रिपोर्ट: विशाल गुप्ता यूपी हेड लाइव भारत समाचार