बस्ती, 07 जुलाई .लाइव भारत समाचार– जनपद मुख्यालय के बांसी रोड पर स्थित श्रीकृष्णा मिशन हॉस्पिटल अपनी स्थापना के सात वर्ष पूरे कर चुका है। इस अवसर पर हॉस्पिटल के चेयरमैन बसंत चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा जिन उद्देश्यों के लिये हॉस्पिटल की स्थापना हुई थी, हम उन उद्देश्यों को लेकर निरन्तर आगे बढ़ रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन से लेकर मरीज और तीमारदार तक सभी सेवाओं की गुणवत्ता और तकनीक से संतुष्ट हैं।उच्च तकनीक पर आधारित संसाधन, अत्याधुनिक आपरेशन थियेटर, आईसीयू, जानकार डाक्टर, दवाओं और विशेषज्ञों की 24 घण्टे उपलब्धता हजारों मरीजों की जान बचा चुकी है। बसंत चौधरी ने बीते सात सालों में कोरोना को सबसे चुनौतीपूर्ण काल बताया, कहा हालात के बारे में एक बार सोचने से भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। निजी अस्पताल बंद हो चुके थे, चिकित्सक मरीजों को हाथ से स्पर्श भी नही करना चाहते थे, ऐसे में संपूर्ण श्रीकृष्णा मिशन हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल में परिवर्तित कर देना पड़ा। स्थानीय जनता, प्रशासन और तीमारदारों का बड़ा सहयोग रहा कि हॉस्पिटल प्रबंधन सभी का विश्वास, जीत पाया।
अब आगे आने वाले समय में हॉस्पिटल सुपर स्पेशिलिटी की ओर बढ़ रहा है। गैस्ट्रो, कार्डियो और न्यूरो के मामलों में ज्यादातर रोगियों की लखनऊ जाकर इलाज कराने की मजबूरी हो जाती है, अब ये सारी सेवायें श्रीकृष्णा मिशन हॉस्पिटल में उपलब्ध होंगी। इस दिशा में आगे बढ़ते हुये हॉस्पिटल प्रबंधन अच्छे डाक्टरों के संपर्क में है जिससे 24 घण्टे सेवायें उपलब्ध रहें। इसके लिये अत्याधुनिक मशीनें, उपकरण ओटी में इन्स्टाल की जा रही हैं।
पत्रकारों से बातचीत करते हुये चेयरमैन बसंत चौधरी ने कहा स्वास्थ्य सेवाओं को 100 प्रतिशत कामर्शियल समझ कर उत्कृष्टता नही प्रदान की जा सकती। प्रबंधन हो या चिकित्सक अथवा टेक्निकल स्टाफ, जब तक उसके भीतर सेवा की भावना नही रहेगी, अपनी सेवाओं को उत्कृष्टता नही प्रदान कर सकता। हमें खुशी है हमारी इच्छाशक्ति और अधिक प्रबल हुई है, इसी आत्मविश्वास के साथ हम निरन्तर आगे बढ़ रहे हैं और बस्ती जनपद के लोगों का हॉस्पिटल को लेकर फीलगुड बना रहे इसका पूरा प्रयास जारी रहेगा। उन्होने कहा अस्पताल के पास विस्तार के लिये जमीन की कमी नही है, प्राधिकरण को लेकर कुछ अड़चने हैं, इनके हटते ही हॉस्पिटल सुपर स्पेशिलिटी का मानक पूरा करेगा और हमारे लक्ष्य को मंजिल मिल पायेगी।
बातचीत के दौरान चयेरमैन बसंत चौधरी ने कहा अब तक आयुष्मान भारत के तहत लगभग 1250 मरीजों का सफल इलाज किया जा चुका है। स्त्रीरोग विशेषज्ञों ने बांझपन की शिकार 1000 से ज्यादा महिलाओं का सफल इलाज कर उन्हे संतान सुख प्राप्त करने का अवसर दिया है। क्रिटिकल मामलों में महिलाओं डिलिवरी, झटके आने की स्थिति में सफल इलाज किये गये हैं। 15 हजार प्लेटलेट्स तक के डेंगू मरीजों का इलाज कर करीब 4000 मरीजों की जान बचाई गयी है। हार्ट के 5 हजार मरीजों का सफल इलाज, 5000 से ज्यादा सुगर के क्रिटिकल मामलों का इलाज, 1500 से ज्यादा बच्चे जो खतरनाक अण्डरवेट थे उनका इलाज हॉस्पिटल की उपलब्धियों में शामिल है
रिपोर्ट: अनिल श्रीवास्तव लाइव भारत समाचार