लाइव भारत समाचार :- बुधवार का दिन बस्ती के सिक्ख व पंजाबी समाज के लिए बहुत आनंददायक रहा। जब मालवीय रोड स्थित बादशाह मल्टीप्लेक्स थिएटर में सिक्ख व पंजाबी समाज के लोगों ने ऐतिहासिक पंजाबी फिल्म ‘ मस्ताने ’ को एक साथ देखा और झूम झूम कर ‘ बोले सो निहाल, सत सिरी अकाल’ के जयकारे लगाये।
सिक्ख व पंजाबी समाज को अपने इतिहास को जानने और मनोरंजन का अवसर प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के आयोजक उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के सदस्य जगनैन सिंह नीटू ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा संचालित पंजाबी अकादमी का उद्देश्य है कि वह अपने समाज के लोगों को अपने धर्म भाषा इतिहास से जोड़ने का काम करें। इस मद्देनजर पूरे उत्तर प्रदेश में जगह-जगह अकादमी द्वारा विविध प्रकार के धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के साथ पंजाबी भाषा को सीखने के कोर्स चलाए जाते हैं, ताकि समाज के लोग अपनी संस्कृति और परंपरा से जुड़े रहें और उनकी संस्कृति और परंपरा और समृद्ध हो। यह पंजाबी फिल्म दिखाने का यही मकसद है कि समाज के लोग एक साथ जुड़े, एक साथ अपनी भाषा मे फिल्म देखकर मनोरंजन के बीच अपने खालसा पंथ के महान इतिहास को जान सके। उन्होंने बताया कि मुगल काल के दौरान नादिर शाह अब्दाली जैसे क्रूर विदेशी आक्रांता ने भारत में आकर यहां के संस्कृति सभ्यता और मान सम्मान के साथ बहुत खिलवाड़ किया । अंत में अब्दाली का मुकाबला जब खालसा पंथ की फौज के साथ हुआ तो उसे मुंह की खानी पड़ी। सिखों के साहस के शौर्य को प्रदर्शित करती इस फिल्म को जिसने भी देखा वह अचंभित रह गया। बादशाह मल्टीप्लेक्स के प्रोपराइटर सरदार कुलविंदर सिंह ने उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसी बहाने हमारे समाज के सभी लोगों को एक साथ फिल्म देखने का और एक साथ पापकान व कोल्डड्रिंक पीने का अवसर मिला, जो की बहुत अच्छी बात है।
कार्यक्रम संयोजक गुरुद्वारा सिंह सभा गांधीनगर के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी प्रदीप सिंह ने भी आयोजन की भूरि भूरि प्रशंसा की। फिल्म शो के बाद गोरखपुर, संत कबीर नगर, मुंडेरवा व बांसी से सिर्फ देखने आए समाज के प्रमुख लोगों को शाल उड़ाकर सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर सरदार हरि सिंह बबलू , सरदार सुरेंद्र सिंह, स्वर्णदीप सिंह, मनजीत कौर, नरेश सडाना, परविंदर कौर, सुरेंद्र कौर, मनप्रीत सिंह खालसा, राजेंद्र सिंह छाबड़ा, स्वर्ण सिंह बांसी, सतनाम सिंह, हरविंदर सिंह कृपा, मनोज आनंद, करन सिंह सचदेवा, तेग सिंह, हरविंदर सिंह शालू, यशपाल सिंह निक्कू लखनऊ से आये शफीकजमा एडवोकेट सहित बड़ी संख्या में स्त्री पुरुष बच्चे शामिल रहे। सरदार दिपेन्द्र सिंह ऐडवोकेट ने सभी दर्शकों को धन्यवाद दिया और पंजाबी एकेडमी से मांग की है कि ऐसी ऐतिहासिक फिल्मे दिखाती रहनी चाहिए।
रिपोर्ट :- बस्ती ब्यूरो-लाइव भारत समाचार