लाइव भारत समाचार में आपका स्वागत है   [video width="848" height="480" mp4="https://livebharatsamachar.com/wp-content/uploads/2023/10/VID-20231020-WA0003.mp4"][/video] बस्ती/नगर बाजार-20 अक्टूबर-लाइव भारत समाचार:-दीपावली नजदीक है। ग्रामीण क्षेत्र में कुम्हारों की चाक तेजी से घुमने लगे हैं। बड़ी संख्या में मिट्टी के दीये बनाने का कार्य कुम्हारों ने शुरू कर दिया है। दीपावली पर कुम्हारों ने घरों में रोशनी करने वाले दीये, गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति बनाने लगे हैं। जब से पीएम मोदी ने त्योहारों पर स्थानीय उत्पादों की खरीदारी का आहवान किया है, तब से कुम्हारों की बनाई सामग्री की बिक्री ज्यादा बढ़ गई है। नगर बाजार के कुम्हार रोहित प्रजापति ने बताया कि दुर्गापूजा से कार्य में तेजी आ गई हैं। वर्तमान में मिट्टी के बने सामान की मांग बाजार में बढ़ने के कारण वह लोग लगातार काम कर रहे हैं। मिट्टी के दीये मूर्ति की मांग त्योहारों में अचानक बढ़ जाती है। खासकर दीपावली में इसकी मांग काफी रहती है। ऐसे में दिन-रात एक कर मिट्टी के सामान बनाए जा रहे हैं। मिट्टी केसामान बनाने के लिए खर्च अधिक आ रहा है। इस कारण दाम भी बढ़ जाते है।   राम गरीब प्रजापति ने बताया कि छह दशक से मिट्टी के दीया और खिलौना बना उम्मीद है।   रहे है। लागत बढ़ने के कारण दाम बढ़ जाता है। जिसके कारण अधिकतर लोग खरीदारी कम करते है। लागत निकलना भी मुश्किल हो जाता है कुम्हार रामसेवक ने बताया कि मिट्टी के दीपकों का प्रचलन अब सिर्फ शगुन के लिए रह गया है इसके चलते जरूरत मुताबिक ही बनाए जा रहे हैं। चाक पर तैयार होने वाले दीपों को बनाने मे कड़ी मेहनत लगती है। मिट्टी को छानने उसे तपाने और बनाने में चार पाँच दिन लग जाता है।   कुम्हार रामशबद प्रजापति का कहना है कि बदलते परिवेश में दीपावली पर लोग लोग डिजाइनर दीये भी खूब मांग रहती है। और चाइनीज दीपों से लोगो का मोहभंग के चलते मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ी है। इस बार कुम्हारों को अच्छी आय होने की उम्मीद जगी।   रिपोर्ट :- धर्म प्रकाश श्रीवास्तव-लाइव भारत समाचार
सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

दीपावली के करीब आते ही कुम्हारों की चाक ने पकड़ी रफ्तार

 

बस्ती/नगर बाजार-20 अक्टूबर-लाइव भारत समाचार:-दीपावली नजदीक है। ग्रामीण क्षेत्र में कुम्हारों की चाक तेजी से घुमने लगे हैं। बड़ी संख्या में मिट्टी के दीये बनाने का कार्य कुम्हारों ने शुरू कर दिया है। दीपावली पर कुम्हारों ने घरों में रोशनी करने वाले दीये, गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति बनाने लगे हैं।

जब से पीएम मोदी ने त्योहारों पर स्थानीय उत्पादों की खरीदारी का आहवान किया है, तब से कुम्हारों की बनाई सामग्री की बिक्री ज्यादा बढ़ गई है।

नगर बाजार के कुम्हार रोहित प्रजापति ने बताया कि दुर्गापूजा से कार्य में तेजी आ गई हैं। वर्तमान में मिट्टी के बने सामान की मांग बाजार में बढ़ने के कारण वह लोग लगातार काम कर रहे हैं। मिट्टी के दीये

मूर्ति की मांग त्योहारों में अचानक बढ़ जाती है। खासकर दीपावली में इसकी मांग काफी रहती है। ऐसे में दिन-रात एक कर मिट्टी के सामान बनाए जा रहे हैं। मिट्टी केसामान बनाने के लिए खर्च अधिक आ रहा है। इस कारण दाम भी बढ़ जाते है।

 

राम गरीब प्रजापति ने बताया कि छह दशक से मिट्टी के दीया और खिलौना बना उम्मीद है।

 

रहे है। लागत बढ़ने के कारण दाम बढ़ जाता है। जिसके कारण अधिकतर लोग खरीदारी कम करते है। लागत निकलना भी मुश्किल हो जाता है कुम्हार रामसेवक ने बताया कि मिट्टी के दीपकों का प्रचलन अब सिर्फ शगुन के लिए रह गया है इसके चलते जरूरत मुताबिक ही बनाए जा रहे हैं। चाक पर तैयार होने वाले दीपों को बनाने मे कड़ी मेहनत लगती है। मिट्टी को छानने उसे तपाने और बनाने में चार पाँच दिन लग जाता है।

 

कुम्हार रामशबद प्रजापति का कहना है कि बदलते परिवेश में दीपावली पर लोग लोग डिजाइनर दीये भी खूब मांग रहती है। और चाइनीज दीपों से लोगो का मोहभंग के चलते मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ी है। इस बार कुम्हारों को अच्छी आय होने की उम्मीद जगी।

 

रिपोर्ट :- धर्म प्रकाश श्रीवास्तव-लाइव भारत समाचार

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