लाइव भारत समाचार में आपका स्वागत है [video width="848" height="480" mp4="https://livebharatsamachar.com/wp-content/uploads/2024/03/WhatsApp-Video-2024-03-31-at-6.22.10-PM.mp4"][/video] बस्ती ,31 मार्च : लाइव भारत समाचार : - पूर्व आईएएस मेधा संस्थापक स्व0 लक्ष्मीकान्त शुक्ल को उनके 71 वें जन्म दिन पर रविवार को याद किया गया।लोहिया काम्पलेक्स परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मेधा प्रवक्ता दीन दयाल त्रिपाठी ने कहा कि छात्रों को आर्थिक आधार पर शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति की सुविधा, जाति मुक्त संविधान की परिकल्पना देने वाले लक्ष्मीकान्त को सेवा काल में ही जाति राज पुस्तक लिखने के कारण बसपा की सरकार में उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। उनकी किताब जातिराज को तत्कालीन सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया इसके बावजूद वे डिगे नहीं और शिक्षा, के सवाल पर सड़क से सर्वोच्च न्यायालय तक आखिरी सांस तक लड़ते रहे। उनकी प्रेरणा से मेधा लगातार शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति की सुविधा के सवाल पर संघर्षरत है और इसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। दीन दयाल तिवारी ने कहा कि यदि लक्ष्मीकान्त शुक्ल के संकल्पों, सिद्धान्तों का दृढता से पालन हो तो अनेक समस्याओं का समाधान हो जायेगा। कहा कि मेधा उनके सपनों को पूरा करने की दिशा में निरन्तर प्रयत्नशील है। फीस भरपाई और वजीफा शत प्रतिशत कराने, वंचितों को हक दिलाने, ई.डब्लू.एस. 10 प्रतिशत आरक्षण में आयु सीमा में छूट दिलाने, आय प्रमाण पत्र की वैधता तीन वर्ष किये जाने, एक हजार स्क्वायर फिट मकान की बाध्यता समाप्त किये जाने की मांग को लेकर मेधा का संघर्ष जारी रहेगा। पूर्व आईएएस मेधा संस्थापक स्व0 लक्ष्मीकान्त शुक्ल के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन् करने वालों में उमेश पाण्डेय ‘मुन्ना’, राहुल तिवारी, रूद्र आदर्श पाण्डेय, नागेन्द्र मिश्र, उमेश गुप्ता, विजय पाठक, शुभम पाठक, प्रवेश आदि शामिल रहे। रिपोर्ट,बस्ती -राज श्रीवास्तव : लाइव भारत समाचार
सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

याद किए गए मेधा के संस्थापन स्व0लक्ष्मीकांत शुक्ला, शुल्क प्रतिपूर्ति, छात्रवृत्ति आदि के लिए जारी रहेगा संघर्ष -दीन दयाल तिवारी

बस्ती ,31 मार्च : लाइव भारत समाचार : – पूर्व आईएएस मेधा संस्थापक स्व0 लक्ष्मीकान्त शुक्ल को उनके 71 वें जन्म दिन पर रविवार को याद किया गया।लोहिया काम्पलेक्स परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मेधा प्रवक्ता दीन दयाल त्रिपाठी ने कहा कि छात्रों को आर्थिक आधार पर शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति की सुविधा, जाति मुक्त संविधान की परिकल्पना देने वाले लक्ष्मीकान्त को सेवा काल में ही जाति राज पुस्तक लिखने के कारण बसपा की सरकार में उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। उनकी किताब जातिराज को तत्कालीन सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया इसके बावजूद वे डिगे नहीं और शिक्षा, के सवाल पर सड़क से सर्वोच्च न्यायालय तक आखिरी सांस तक लड़ते रहे। उनकी प्रेरणा से मेधा लगातार शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति की सुविधा के सवाल पर संघर्षरत है और इसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं।
दीन दयाल तिवारी ने कहा कि यदि लक्ष्मीकान्त शुक्ल के संकल्पों, सिद्धान्तों का दृढता से पालन हो तो अनेक समस्याओं का समाधान हो जायेगा। कहा कि मेधा उनके सपनों को पूरा करने की दिशा में निरन्तर प्रयत्नशील है। फीस भरपाई और वजीफा शत प्रतिशत कराने, वंचितों को हक दिलाने, ई.डब्लू.एस. 10 प्रतिशत आरक्षण में आयु सीमा में छूट दिलाने, आय प्रमाण पत्र की वैधता तीन वर्ष किये जाने, एक हजार स्क्वायर फिट मकान की बाध्यता समाप्त किये जाने की मांग को लेकर मेधा का संघर्ष जारी रहेगा।
पूर्व आईएएस मेधा संस्थापक स्व0 लक्ष्मीकान्त शुक्ल के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन् करने वालों में उमेश पाण्डेय ‘मुन्ना’, राहुल तिवारी, रूद्र आदर्श पाण्डेय, नागेन्द्र मिश्र, उमेश गुप्ता, विजय पाठक, शुभम पाठक, प्रवेश आदि शामिल रहे।

रिपोर्ट,बस्ती -राज श्रीवास्तव : लाइव भारत समाचार

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