सैफई में शिवपाल का सम्बोधन हमने तो 2019 में ही कहा था कि चलो हम ही झुक जाएंगे आज दो साल हो गए लेकिन कोई बात बनी ।
आज यहां पर तेजप्रताप और अंशुल को भी होना चाहिए था अंशुल को हराने के लिए कितनी ताकते लगी थी हमारी ताकत पर अंशुल निर्विरोध हो गए।
उन्ही की तरफ से यह बातें चली थी कि 22 तारीख को लेकिन यहां नही आये
हमने सोचा था कि यह दंगल ऐतिहासिक दंगल होगा लेकिन नही हुआ
हमने हमेशा त्याग किया हम चाहते तो 2003 में मुख्यमंत्री बन सकते थे लेकिन मैने नेता जी को दिल्ली से बुलाकर सीएम बनाया था दूसरी पार्टीयो के चालीस विधायक एक किये थे उस समय पच्चीस विधायक बीजेपी के हमारे साथ थे उस समय सपा के 143 विधायक हमारे साथ थे अजीत सिंह कल्याण सिंह हमारे साथ थे हम सीएम बन सकते थे।
जब सीएम मायावती थी तब कितना अत्याचार हो रहा था हम नेता विपक्ष थे हमने उनका कितना विरोध किया था तब कितना आंदोलन करना पड़ा था ।।
हमारी पार्टी की महिलाओं और लोगो ने बहुत संघर्ष किया था जब लाठी चलती थी तब महिलाएं आगे आ जाती थी हम लोगो के संघर्ष के कारण 2012 की सरकार बनी थी
हम चाहते है फिर से सरकार बने हम तो सरकार बनाने के लिए लागातर दो साल से कोशिश कर रहे है हमने तो यहां तक कहा कि हमारे साथ जो जितने वाले लोग है उनका सर्वेय करवाकर गठबंधन कर लो चाहे विलय कर लो
याब बहुत देर हो रही है अब हमने तय किया है पहले हमारे दल को लोग छोटा दल कहते थे लेकिन जब से मथुरा से हमारा रथ निकला है तब से कहने वालों को पता चल गया है कि हमारा दल छोटा दल नही है।
हमारे लोग और समाजवादी ल9ग चाहते है कि एक होकर चुनाव लड़ो
और हमने यह भी कहा कि हमे 2022 में सत्ता में रहना है
अब फैसला हो जाना चाहिए अगर नही होता है तो हम एक हफ्ते के अंदर लखनऊ में बड़ा सम्मेलन और करना है। और 2022 में प्रसपा को सत्ता में रहना है। हम तो चाहते है कि एका हो जाये हमारी प्राथमिकता है समाजवादी पार्टी आज के दिन के लिए लोग बहुत आस लगाए थे लेकिन अब जो भी हो जल्दी बात हो जाये।
एक हफ्ते के अंदर अपने लोगो से राय लेकर फैसला लेंगे।
इस समय देश के हालात ठीक नही है बीजेपी के राज्य में गरीब मजलूम नौजवान किसान और बुनकर मुसलमान सब परेशान है। महंगाई गरीबी बेरोजगारी भ्र्ष्टाचार व्याप्त है।
इन लोगो ने कितना झूठ बोला सात साल के अंदर एक भी वादा पूरा नही किया।
अगर हमारे हाथ मे ताकत आई तो हर परिवार में एक बेटे और बेटी को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए। हम जब कोऑपरेटिव में थे तब कभी खाद की कमी नही पड़ी अब किसान खाद के लिए परेशान है।
जब हम बिजली मंत्री थे तब कभी छापे नही पड़े कभी मुकदमा नही लिखा तो कभी बिजली नही कटी।
अब एक हो जाये 22 में प्रसपा को मजबूत हो जाओ और एक तरफा वोट हो जाओ सरकार आने दो बिल भेजने वाले और मुकदमा लिखने वालों को जेल का मजा जरूर चखवा देंगे।