कलम पकड़ने वाले हाथों ने पकड़ा फावड़ा। भनवापुर ब्लाक क्षेत्र के मधुकरपुर चौबे गांव में नाबालिग छात्र कर रहे मनरेगा मे काम।_रिपोर्टः मनोज शुक्ला।
सिद्धार्थनगर।गांवों से पलायन रोकने के लिए मनरेगा अधिनियम के तहत ग्राम पंचायत के द्वारा युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।जिसमें युवा बेरोजगारों के जगह नाबालिग छात्रों से ग्राम प्रधान के द्वारा चकरोड पटाई का काम लिया जा रहा है।
सोमवार को ताजा मामला भनवापुर ब्लाक क्षेत्र के मधुकरपुर चौबे गांव का है जहां गांव के पश्चिम चकरोड पटाई का काम चल रहा था।सुबह करीब दस बजे गांव कक्षा सात के छात्र अंकुर,कक्षा आठ राहुल,कक्षा ग्यारह रमेश,कक्षा दस के अंकुश व रमेश जो उमाशंकर पांण्डेय इंटर कॉलेज कठौतिया तथा पूर्व माध्यमिक विद्यालय पेंड़रियाजीत के छात्र कलम छोड़ फावड़ा पकड़ कर मनरेगा में मजदूरी करते पाए गये।यह तो बानगी मात्र है इसी तरह ब्लाक क्षेत्र के तरहर,बुढ़ऊं,मुबारकपुर, रमवापुर जगतराम, तेनुई आदि गांवों में मनरेगा का काम नाबालिग बच्चों से कराया जा रहा है।जिसकी शिकायत पत्र के माध्यम से मधुकरपुर चौबे गांव निवासी मनराज यादव ने मुख्य विकास अधिकारी सिद्धार्थनगर से करते हुए कहा है कि ग्राम प्रधान के द्वारा मनरेगा के तहत कयी भुगतान खंड विकास अधिकारी भनवापुर के मिली भगत से बिना काम कराए ही करवा लिया जिसकी जांच कर कर्रवाई की मांग की है।इस संबध में खंड विकास अधिकारी भनवापुर धनंजय सिंह ने कहा कि कोई भी नाबालिग छात्र काम नही कर रहा है।लगाया गया आरोप निराधार है।बीडीओ भनवापुर का यह कहना उनकी संलिप्तता का उदाहरण है, जबकि फोटो में साफ नाबालिग काम करते दिख रहे है।