इटावा : कोविड वैक्सीनेशन के फर्जीवाड़े ने उडाई नींद, गृह मंत्री अमित शाह,ओम विरला, नितिन गडकरी समेत नामी दिग्गजों को किये गए प्रमाणपत्र जारी
इटावा:दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी को काबू में करने के लिए वैक्सीनेशन का सहारा लिया जा रहा है लेकिन उत्तर प्रदेश के इटावा में वैक्सीनेशन के फर्जीवाड़े ने स्वास्थ्य में कमी की नींद उड़ा करके रख दी है।
इटावा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भगवान सिंह ने वैक्सीनेशन के फर्जीवाड़े की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है और जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ीं और गंभीर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इटावा की सीएचसी सरसईनावर से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई मंत्रियों के कोरोना वैक्सीनेशन के प्रमाणपत्र जारी हो गए। जब इस फर्जीवाड़े का मामला उजागर हुआ तो हड़कंप मचा जिस पर सीएचसी प्रभारी ने आईडी हैक करके प्रमाणपत्र जारी करने की शिकायत की है। सीएमओ ने जांच शुरू करा दी है।
12 दिसंबर को ताखा क्षेत्र की सीएचसी सरसईनावर में सीएचसी प्रभारी डा.उदय प्रताप सिंह की आईडी पर जारी वैक्सीन से मंत्रियों के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी हो गए।
इस मामले के सार्वजनिक होने के साथ ही सीएचसी से लेकर सीएमओ कार्यलय तक सनसनी फैल गई।
जानकारी में आया कि 12 दिसंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल, गृहमंत्री अमित शाह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के नाम दर्ज कर पहली डोज का वैक्सीनेशन दर्ज कर दिया गया। दूसरी डोज के लिए 6 मार्च की तारीख भी जारी कर दी गई। जानकारी सीएचसी प्रभारी डा. उदय प्रताप सिंह को हुई तो वह हैरत में पड़ गए। उन्होंने बताया कि 12 दिसंबर रविवार को किसी ने उनकी आईडी और पासवर्ड हैक कर लिया, जिससे पूरे ब्लॉक की मॉनीटरिंग की जाती है। इस आईडी पर वैक्सीनेशन नहीं होता है। वैक्सीनेशन के लिए प्रतिदिन नई आईडी जेनरेट की जाती है। जांच में राजनेताओं सहित कुल दस ऐसे नाम निकले हैं, जिन्हें फर्जी ढंग से वैक्सीन लगाने का विवरण दर्ज पाया गया। इन नामों को पोर्टल से हटाने के लिए उन्होंने सीएमओ को पत्र भेजा है।
कुछ और हस्तियों के नाम पर भी डोज लगाई गई, लेकिन उनके नाम पूरे नही लिखे गए। जैसे निर्मला सीता, स्मृति, नरेंद्र के नाम पर भी फर्जी वैक्सीनेशन हुआ। इनके अलावा कुछ दिनों के नाम पर भी वैक्सीन लगा दी गई। जैसे फ्रायडे, संडे सिंह, मंडे सिंह के नाम भी सर्टिफिकेट बन गए। सभी का वैक्सीनेशन 12 दिसंबर को सीएचसी सरसईनावर पर प्रदर्शित हो रहा है।
इटावा में पहले भी वैक्सीन की दूसरी डोज लगाए बिना ही वैक्सीनेशन के मैसेज कई लोगों को मिले थे। इसकी जांच चल रही थी कि यह नया मामला सामने आ गया है।
सीएमओ डॉ. भगवान दास ने बताया, यह गंभीर मामला है। जांच की जा रही है। जो दोषी होगा उसके विरुद्ध कठोर कारवाई की जाएगी।
इससे पहले भी सरसईनावर सीएचसी पर मृतको को भी लगाई जा चुकी है वैक्सीन की दूसरी डोज साथ ही पहले भी कई लोगो को दूसरी डोज लगाने के संदेश बिना डोज लगाए ही मिले थे
ताखा मे सरसईनावर सीएचसी पर इससे पहले कई मामलों मे वैक्सीन लगाने को लेकर हाय-तौबा हो चुकी है लेकिन विभाग इसकी अनदेखी करता रहा जिसका परिणाम यह हुआ कि देश के ग्रह मंत्री तक को कागजो पर डोज लगाने का मामला सामने आ गया । इससे पहले समाजवादी पार्टी के जिला सचिव संग्राम सिंह चौहान के दिवंगत पिता राजासिंह चौहान को 30 अक्टूबर को दूसरी डोज लगा दी गई थी जबकि उनकी मृत्यु दिसंबर 2020 मे हो चुकी है इतना ही नहीं ऊसराहार मे रहने वाली जान्वी मिश्रा,अरविंद कुमार को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने का संदेश 27 अक्टूबर को भेज दिया गया जबकि उन्हे वैक्सीन लगी ही नहीं थी अगले दिन 28 अक्टूबर को ऊसराहार मे लगे कैंप मे जब दोनों लोगो ने बवाल काटा तो उन्हे दूसरी डोज लगा दी लेकिन ये किसी की समझ में नही आया कि जब दोनो को कागजो पर वैक्सीन लगाई गई तो इनकी वैक्सीन का क्या किया गया और जब अगले दिन इन्हें वैक्सीन लगायी गयी तो उसे कागजो पर दर्ज नही किया गया क्योंकि कागजो पर इन्हे एक दिन पहले ही वैक्सीन लग चुकी थी तो फिर आखिर इन्हे जो वैक्सीन का डोज दिया गया वह वैक्सीन आई कहा से क्योकि वैक्सीन की गिनती का हिसाब तो रोज पूरा करना होता है तो फिर क्या कुछ अलग से वैक्सीन रखी जाती है क्योंकि इसके बाद एक नही नीरज वाथम सुरेश राठौर जैसे न जाने कितने लोग आए जिन्हे वैक्सीन की दूसरी डोज लगने का संदेश मिला लेकिन वैक्सीन नही लगी थी इसी तरह से ग्रह मंत्री सहित दस लोगो को वैक्सीन का डोज कागजो पर लगा है लेकिन वैक्सीन की संख्या पर कोई फर्क नहीं पड़ा है ।