लाइव भारत समाचार में आपका स्वागत है बेटी से रेप का बदला, पिता ने भरी कचहरी में भूना:गोरखपुर में फौजी पिता ने आरोपी को पहली गोली कनपटी पर मारी, फिर 3 पेट में; मौके से पकड़ा गया [caption id="attachment_5066" align="alignnone" width="300"] A revolver held by two anonymous hands is fired on a black background.[/caption] गोरखपुर: जिले में जिला न्यायालय की सुरक्षा और पुलिस की सक्रियता की एक बार फिर पोल खुल गई। शुक्रवार की दोपहर करीब दो बजे दीवानी कचहरी में मुकदमे की तारीख देखने पहुंचे युवक की गेट के अंदर साइकिल स्टैंड के पास बाइक सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। पूरा ​दीवानी परिसर में गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा। लोग इधर उधर भागने लगे। कलेक्ट्रेट पुलिस चौकी से 100 मीटर दूर हुई इस हत्या के बाद भी पुलिस आधे घंटे बाद पहुची। वहां मौजूद स्टैंड संचालक कन्हैया, सिपाही अमित यादव और सूर्यप्रकाश ने जान की परवाह न करते हुए दौड़ाकर एक आरोपित को पकड़ लिया। घटना स्थल एडीजी कार्यालय से 200 मीटर, कैंट थाने से आधे किलोमीटर दूर है। फिर भी पुलिसकर्मियों को मौके पर पहुंचने में आधा घंटा लग गया। इससे अधिवक्ता आक्रोशित होकर सड़क पर आ गए। एडीजी अखिल कुमार, एसएसपी विपिन टांडा,सीओ कैंट श्यामदेव बिंद,सीओ गोरखनाथ रत्नेश सिंह फॉरेंसिक की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। बाद में पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के मुताबिक, मूल रुप से बिहार का रहने वाला 25 वर्षीय दिलशाद बड़हलगंज के पटना चौराहे पर पंचर की दुकान चलाता था। इस दौरान वहां मकान बनवाकर रह रहे बड़हलगंज के महराजगंज गांव निवासी भागवत निषाद की नाबालिग बेटी से प्यार हो गया। दिलशाद दो साल पहले लड़की को लेकर हैदराबाद भाग गया था। इसके बाद उस पर दुष्कर्म, पास्को और अपहरण का केस दर्ज हुआ था। इसी सिलसिले में वह 15 दिन पहले ही गोरखपुर आया था। सेना से रिटायर्ड हैं आरोपित पिता दिलशाद की हत्या के बाद पकड़े गए दो बदमाशों में से एक की पहचान लड़की के पिता के तौर पर हुई है। वह सेना से रिटायर्ड हैं। मृतक के अधिवक्ता शंकर शरण सिंह ने बताया कि दिलशाद शुक्रवार को मामले की तारीख का पता करने के लिए आया था। गेट पर आकर उसने जूनियर अधिवक्ता आदित्य सिंह को फोन किया कि गेट से गार्ड अंदर नही आने दे रहे। अधिवक्ता उसके पास आ रहे थे, इतने में बाइक से दो लोग पहुंचे और ताबड़तोड़ चार राउंड गोली चलाईं। युवक की कनपटी पर एक गोली और पेट में तीन गोली लगी थी। इसकी वजह से मौके पर ही उसकी मौत हो गई। उधर, घटना के बाद स्टैंड के कन्हैया और वहां मौजूद तीन गार्डों ने दौड़ाकर एक आरोपित को पकड़ लिया। पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग दीवानी कचहरी में पुलिस चौकी और ठीक सटे एडीजी आवास होते हुए भी बदमाशों द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम देने के बाद अधिवक्ता पूरी तरह आक्रोशित होकर सड़क पर आ गए। वकीलों ने घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की है। बार एसोसिएशन के अधिवक्ता भानू पांडेय ने इस घटना को पुलिस की नाकामी बताया है। उन्होंने कहा कि अगर तत्काल सभी पुलिसकर्मी सस्पेंड नहीं हुए तो अधिवक्ता आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। वहीं अधिवक्ता देवेंद्र दत्त त्रिपाठी व आदित्य सिंह ने कहा कि तमाम सीसीटीवी लगे हैं। तमाम रुपए भी खर्च हो रहे हैं सुरक्षा पर। फिर इस तरह की दुस्साहसिक घटना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है। अधिवक्ताओं ने कहा कि अगर जल्द दूसरे आरोपित को पकड़ा नहीं गया, तो वे आंदोलन करेंगे। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह घटना दुस्साहसिक थी। उस समय कई अधिवक्ता, मुवक्किल उस रास्ते आ जा रहे थे। किसी को भी गोली लग सकती थी।
सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

बेटी से रेप का बदला, पिता ने भरी कचहरी में भूना:गोरखपुर में फौजी पिता ने आरोपी को पहली गोली कनपटी पर मारी, फिर 3 पेट में; मौके से पकड़ा गया

बेटी से रेप का बदला, पिता ने भरी कचहरी में भूना:गोरखपुर में फौजी पिता ने आरोपी को पहली गोली कनपटी पर मारी, फिर 3 पेट में; मौके से पकड़ा गया

A revolver held by two anonymous hands is fired on a black background.

गोरखपुर: जिले में जिला न्यायालय की सुरक्षा और पुलिस की सक्रियता की एक बार फिर पोल खुल गई। शुक्रवार की दोपहर करीब दो बजे दीवानी कचहरी में मुकदमे की तारीख देखने पहुंचे युवक की गेट के अंदर साइकिल स्टैंड के पास बाइक सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी।

पूरा ​दीवानी परिसर में गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा। लोग इधर उधर भागने लगे। कलेक्ट्रेट पुलिस चौकी से 100 मीटर दूर हुई इस हत्या के बाद भी पुलिस आधे घंटे बाद पहुची। वहां मौजूद स्टैंड संचालक कन्हैया, सिपाही अमित यादव और सूर्यप्रकाश ने जान की परवाह न करते हुए दौड़ाकर एक आरोपित को पकड़ लिया।

घटना स्थल एडीजी कार्यालय से 200 मीटर, कैंट थाने से आधे किलोमीटर दूर है। फिर भी पुलिसकर्मियों को मौके पर पहुंचने में आधा घंटा लग गया। इससे अधिवक्ता आक्रोशित होकर सड़क पर आ गए। एडीजी अखिल कुमार, एसएसपी विपिन टांडा,सीओ कैंट श्यामदेव बिंद,सीओ गोरखनाथ रत्नेश सिंह फॉरेंसिक की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। बाद में पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

पुलिस के मुताबिक, मूल रुप से बिहार का रहने वाला 25 वर्षीय दिलशाद बड़हलगंज के पटना चौराहे पर पंचर की दुकान चलाता था। इस दौरान वहां मकान बनवाकर रह रहे बड़हलगंज के महराजगंज गांव निवासी भागवत निषाद की नाबालिग बेटी से प्यार हो गया। दिलशाद दो साल पहले लड़की को लेकर हैदराबाद भाग गया था। इसके बाद उस पर दुष्कर्म, पास्को और अपहरण का केस दर्ज हुआ था। इसी सिलसिले में वह 15 दिन पहले ही गोरखपुर आया था।

सेना से रिटायर्ड हैं आरोपित पिता

दिलशाद की हत्या के बाद पकड़े गए दो बदमाशों में से एक की पहचान लड़की के पिता के तौर पर हुई है। वह सेना से रिटायर्ड हैं। मृतक के अधिवक्ता शंकर शरण सिंह ने बताया कि दिलशाद शुक्रवार को मामले की तारीख का पता करने के लिए आया था। गेट पर आकर उसने जूनियर अधिवक्ता आदित्य सिंह को फोन किया कि गेट से गार्ड अंदर नही आने दे रहे।

अधिवक्ता उसके पास आ रहे थे, इतने में बाइक से दो लोग पहुंचे और ताबड़तोड़ चार राउंड गोली चलाईं। युवक की कनपटी पर एक गोली और पेट में तीन गोली लगी थी। इसकी वजह से मौके पर ही उसकी मौत हो गई। उधर, घटना के बाद स्टैंड के कन्हैया और वहां मौजूद तीन गार्डों ने दौड़ाकर एक आरोपित को पकड़ लिया।

पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग

दीवानी कचहरी में पुलिस चौकी और ठीक सटे एडीजी आवास होते हुए भी बदमाशों द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम देने के बाद अधिवक्ता पूरी तरह आक्रोशित होकर सड़क पर आ गए। वकीलों ने घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की है। बार एसोसिएशन के अधिवक्ता भानू पांडेय ने इस घटना को पुलिस की नाकामी बताया है। उन्होंने कहा कि अगर तत्काल सभी पुलिसकर्मी सस्पेंड नहीं हुए तो अधिवक्ता आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

वहीं अधिवक्ता देवेंद्र दत्त त्रिपाठी व आदित्य सिंह ने कहा कि तमाम सीसीटीवी लगे हैं। तमाम रुपए भी खर्च हो रहे हैं सुरक्षा पर। फिर इस तरह की दुस्साहसिक घटना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है। अधिवक्ताओं ने कहा कि अगर जल्द दूसरे आरोपित को पकड़ा नहीं गया, तो वे आंदोलन करेंगे। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह घटना दुस्साहसिक थी। उस समय कई अधिवक्ता, मुवक्किल उस रास्ते आ जा रहे थे। किसी को भी गोली लग सकती थी।

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