बस्ती ,25 नवम्बर लाइव भारत समाचार:- जातिगत आधार पर यदि बीस लाख छात्र वजीफे और फीस भरपाई से वंचित हो गए होते तो पूरे प्रदेश में राजनीतिक दल कोहराम मचा देते , परन् तु यह वंचितों की संख्या आर्थिक आधार पर लागू होना चाहिए। जिसके सूत्रधार मेधा संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय लक्ष्मीकांत शुक्ल पूर्व आईएएस ने यूपी सरकार को माननीय उच्चतम न्यायालय से विजय हासिल कर गरीबों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी होते हुए सरकार के खिलाफ गरीबों के हक दिलाने के लिए आवाज बुलंद किया। आज बीस लाख वंचितों अपने लिए एकजुट होकरमिशन मेधा गरीबों को दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति सुविधा से वंचितों के वजीफे एवं फीस भरपाई के संघर्ष में सहयोग समर्थन करने की अपील केन्द्रीय प्रवक्ता मेधा दीनदयाल तिवारी ने बैठक कर ये बाते कही।उन्होंने कहा20लाख वंचित छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रबृत्ति दिलाने की मांग को लेकर लगातार जागरूकता अभियान जारी रहेगा।बैठक में पद यात्रा की रणनीति बनाते हुए कहा कि स्कूलों महाविद्यालयों में दिसंबर, जनवरी माह में सघन संपर्क कर उनके हक दिलाने का काम करूंगा।कहा कि पूर्व की सरकारों ने यससीयसटी छात्रों की फीस नहीं लगती थी,और शून्य बैलेंस पर कक्षाओं में प्रवेश हो जाया करता था,किंतु अब उनसे भी फीस लिया जा रहा है।इससे कमजोर अभिभावकों के समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है,वो अपने बच्चों को किस तरह शिक्षा दिलावें।
यदि अति शीघ्र मा0सर्वोच्च न्यायालय आदेश के अनुरूप छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति एवं छात्रबृत्ति की ब्यवस्था न की गई तो मेधा प्रदेश ब्यापी आंदोलन चलाएगी।बैठक में प्रतीक मिश्र, रामरिक पांडेय,गिरीश चंद्र गिरी,नरेश मिश्र,राहुल तिवारी, महेंद्र सिंह,अम्बिका चौधरी, विकास,साथ मे मेधा के लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट: अनिल श्रीवास्तव लाइव भारत समाचार