लाइव भारत समाचार में आपका स्वागत है सिद्धार्थनगर, 30 नवम्बर लाइव भारत समाचार :-सिद्धार्थनगर।आज की भाग दौड भरी जिंदगी में पथरी की समस्या आमतौर पर सुनने को मिल जाती है। किडनी स्टोन यानी की गुर्दे की पथरी का दर्द असहनीय होता है। इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। भारत में फिलहाल 5 करोड़ से ज्यादा पथरी के मरीज हैं। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड सहित सैकड़ों पुस्तकों के लेखक विश्व प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. भास्कर शर्मा के मुताबिक किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी जिसे मेडिकल भाषा में रीनल कॅल्क्युली , यूरोलिथियासिस या नेफ्रोलिथियासिस भी कहा जाता हैं। पेशाब में कई घुले हुए खनिज और साल्ट्स होते हैं। जब आपके पेशाब में इन खनिजों और साल्ट्स का स्तर बढ़ जाता है, तो आपके गुर्दे में पथरी बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती हैं। वैसे तो किडनी स्टोन का आकर छोटा होता हैं लेकिन समय के साथ उपचार ना करने पर इसका आकर बढ़ भी सकता हैं। जब कुछ पथरी किडनी में रह जाती है तो वह आपको ज्यादा समस्या नहीं देती लेकिन कभी-कभी, गुर्दे की पथरी मूत्रवाहिनी (यूरेटर), गुर्दे और मूत्राशय के बीच की नली अटक जाती हैं। यदि पथरी मूत्राशय तक पहुँच जाती है, तो यह पेशाब के द्वारा शरीर से बाहर निकल सकती है। यदि पथरी मूत्रवाहिनी में जमा हो जाती है, तो यह उस गुर्दे से पेशाब के प्रवाह को अवरुद्ध कर देती है और किडनी में दर्द का कारण बनती है।9 फीसदी लोगों को जीवन में पथरी से एक बार जरूर जूझना पड़ता है। एक बार पथरी निकल जाने के बाद बार-बार होने की संभावना भी रहती है, इसलिए इस बीमारी के खिलाफ सावधानी ही इसका सबसे बड़ा बचाव है। आम तौर पर पथरी शरीर में दो ही जगह होती है, गॉल ब्लैडर (पित्ताशय) और किडनी। गॉल ब्लैडर की तुलना में किडनी में बहुत ज्यादा लोगों को पथरी की समस्या होती है। सिद्धार्थनगर के होम्योपैथिक चिकित्सक डा.भास्कर शर्मा बताते हैं किडनी में 90 फीसदी लोगों को कैल्शियम ऑक्जलेट पथरी होती है और इसकी वजह खान-पान और कम पानी पीना होता है।’ कैल्शियम ऑक्जलेट के अलावा कुछ लोगों को यूरिक एसिड और फॉस्फेट पथरी भी होती है। यूरिक एसिड पथरी की वजह अधिक प्रोटीनयुक्त भोजन हो सकती है और फॉस्फेट पथरी दूध और दूध से बनी चीजों के ज्यादा सेवन से। स्ट्रुवाइट स्टोन आमतौर पर मूत्र पथ के संक्रमण के परिणामस्वरूप होते हैं। सिस्टिनुरिया नामक वंशानुगत विकार वाले लोगों को इस प्रकार के किडनी की पथरी विकसित होने का खतरा होता हैlसिस्टिनुरिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुर्दा एक विशिष्ट अमीनो एसिड की अधिक मात्रा में स्रावित करता है।यूरिक एसिड स्टोन चयापचय की स्थिति वाले लोग, मधुमेह, और आनुवंशिक कारक, जो उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ खाते हैं उन्हें यूरिक एसिड पत्थरों का खतरा होता है। डा.भास्कर शर्मा ने गुर्दे की पथरी बनने के मुख्य कारण कम मात्रा में पानी पीना।ऐसा आहार लेना जो प्रोटीन, सोडियम और चीनी से भरपूर हो।गुर्दे की पथरी का पारिवारिक इतिहास होना।आप अधिक वजन से पीड़ित हैं,सूजन आंत्र रोगों से पीड़ित,आपके गुर्दे में उच्च मात्रा में कैल्शियम और अन्य खनिजों का जमा होना,आप पहले गुर्दे की पथरी से पीड़ित रहे हैं,कुछ दवाओं के सेवन से किडनी में पथरी हो सकती है,पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज से पीड़ित हैं पथरी होने की प्रबल संभावना होती है lडा. भास्कर शर्मा ने लक्षणों का खुलासा करते हुए कहा कि यदि आपके किडनी स्टोन का आकार छोटा हैं, तो वह आपके पेशाब के माध्यम से आसानी से निकल सकता हैं, और ऐसे में आपको कोई लक्षण नहीं दिखेगा। लेकिन यदि आपके गुर्दा पथरी का आकार बड़ा हैं तो आपको पेशाब करते समय दर्द महसूस होना ,आपके पेशाब में खून का आना, पेशाब का बार बार आना,आपकी पीठ या पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द,बुखार आना ,जी मिचलाना और उल्टी होना आदि लक्षण देखने को मिलते है l डा. भास्कर शर्मा ने यह भी कहा कि घरेलू उपचार में आप लेमन जूस,अनार का जूस,एप्पलसाइडर विनेगर,गेहूं के ज्वार का जूस,राजमा शोरबा,ढेर सारा पानी पीना,कम नमक का सेवन से,इसके अलावा आप अदरक, आंवले, निम्बू और फलो के जूस लेने से नए पथरी को बनने से रोकने में मदद करते है। डा. भास्कर शर्मा ने कहा कि पालक,भिंडी,फ्रेंच फ्राइज़,रास्पबेरी,शकरकंद, बादाम ऐसे कुछ आहार हैं जो गुर्दे की पथरी को बढ़ाता हैं इन्हें ना खाएं l डॉक्टर भास्कर शर्मा ने होम्योपैथिक औषधियों में हाइड्रेंजिया ,परेरा ब्रावा,कैंथारिस ,लाइकोपोडियम,सरसापैरिला, कैलकेरिया कार्ब, आदि औषधि के सेवन से पथरी से छुटकारा पाया जा सकता है l रिपोर्ट: विशाल कुमार गुप्ता  लाइव भारत समाचार
सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

किडनी स्टोन में कारगर होम्योपैथिक औषधियां:डा.भास्कर शर्मा

सिद्धार्थनगर, 30 नवम्बर लाइव भारत समाचार :-सिद्धार्थनगर।आज की भाग दौड भरी जिंदगी में पथरी की समस्या आमतौर पर सुनने को मिल जाती है। किडनी स्टोन यानी की गुर्दे की पथरी का दर्द असहनीय होता है। इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। भारत में फिलहाल 5 करोड़ से ज्यादा पथरी के मरीज हैं। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड सहित सैकड़ों पुस्तकों के लेखक विश्व प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. भास्कर शर्मा के मुताबिक किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी जिसे मेडिकल भाषा में रीनल कॅल्क्युली , यूरोलिथियासिस या नेफ्रोलिथियासिस भी कहा जाता हैं। पेशाब में कई घुले हुए खनिज और साल्ट्स होते हैं। जब आपके पेशाब में इन खनिजों और साल्ट्स का स्तर बढ़ जाता है, तो आपके गुर्दे में पथरी बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती हैं। वैसे तो किडनी स्टोन का आकर छोटा होता हैं लेकिन समय के साथ उपचार ना करने पर इसका आकर बढ़ भी सकता हैं।
जब कुछ पथरी किडनी में रह जाती है तो वह आपको ज्यादा समस्या नहीं देती लेकिन कभी-कभी, गुर्दे की पथरी मूत्रवाहिनी (यूरेटर), गुर्दे और मूत्राशय के बीच की नली अटक जाती हैं। यदि पथरी मूत्राशय तक पहुँच जाती है, तो यह पेशाब के द्वारा शरीर से बाहर निकल सकती है। यदि पथरी मूत्रवाहिनी में जमा हो जाती है, तो यह उस गुर्दे से पेशाब के प्रवाह को अवरुद्ध कर देती है और किडनी में दर्द का कारण बनती है।9 फीसदी लोगों को जीवन में पथरी से एक बार जरूर जूझना पड़ता है। एक बार पथरी निकल जाने के बाद बार-बार होने की संभावना भी रहती है, इसलिए इस बीमारी के खिलाफ सावधानी ही इसका सबसे बड़ा बचाव है। आम तौर पर पथरी शरीर में दो ही जगह होती है, गॉल ब्लैडर (पित्ताशय) और किडनी। गॉल ब्लैडर की तुलना में किडनी में बहुत ज्यादा लोगों को पथरी की समस्या होती है। सिद्धार्थनगर के होम्योपैथिक चिकित्सक डा.भास्कर शर्मा बताते हैं किडनी में 90 फीसदी लोगों को कैल्शियम ऑक्जलेट पथरी होती है और इसकी वजह खान-पान और कम पानी पीना होता है।’ कैल्शियम ऑक्जलेट के अलावा कुछ लोगों को यूरिक एसिड और फॉस्फेट पथरी भी होती है। यूरिक एसिड पथरी की वजह अधिक प्रोटीनयुक्त भोजन हो सकती है और फॉस्फेट पथरी दूध और दूध से बनी चीजों के ज्यादा सेवन से। स्ट्रुवाइट स्टोन आमतौर पर मूत्र पथ के संक्रमण के परिणामस्वरूप होते हैं। सिस्टिनुरिया नामक वंशानुगत विकार वाले लोगों को इस प्रकार के किडनी की पथरी विकसित होने का खतरा होता हैlसिस्टिनुरिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुर्दा एक विशिष्ट अमीनो एसिड की अधिक मात्रा में स्रावित करता है।यूरिक एसिड स्टोन चयापचय की स्थिति वाले लोग, मधुमेह, और आनुवंशिक कारक, जो उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ खाते हैं उन्हें यूरिक एसिड पत्थरों का खतरा होता है। डा.भास्कर शर्मा ने गुर्दे की पथरी बनने के मुख्य कारण कम मात्रा में पानी पीना।ऐसा आहार लेना जो प्रोटीन, सोडियम और चीनी से भरपूर हो।गुर्दे की पथरी का पारिवारिक इतिहास होना।आप अधिक वजन से पीड़ित हैं,सूजन आंत्र रोगों से पीड़ित,आपके गुर्दे में उच्च मात्रा में कैल्शियम और अन्य खनिजों का जमा होना,आप पहले गुर्दे की पथरी से पीड़ित रहे हैं,कुछ दवाओं के सेवन से किडनी में पथरी हो सकती है,पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज से पीड़ित हैं पथरी होने की प्रबल संभावना होती है lडा. भास्कर शर्मा ने लक्षणों का खुलासा करते हुए कहा कि यदि आपके किडनी स्टोन का आकार छोटा हैं, तो वह आपके पेशाब के माध्यम से आसानी से निकल सकता हैं, और ऐसे में आपको कोई लक्षण नहीं दिखेगा। लेकिन यदि आपके गुर्दा पथरी का आकार बड़ा हैं तो आपको पेशाब करते समय दर्द महसूस होना ,आपके पेशाब में खून का आना, पेशाब का बार बार आना,आपकी पीठ या पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द,बुखार आना ,जी मिचलाना और उल्टी होना आदि लक्षण देखने को मिलते है l डा. भास्कर शर्मा ने यह भी कहा कि घरेलू उपचार में आप लेमन जूस,अनार का जूस,एप्पलसाइडर विनेगर,गेहूं के ज्वार का जूस,राजमा शोरबा,ढेर सारा पानी पीना,कम नमक का सेवन से,इसके अलावा आप अदरक, आंवले, निम्बू और फलो के जूस लेने से नए पथरी को बनने से रोकने में मदद करते है।
डा. भास्कर शर्मा ने कहा कि पालक,भिंडी,फ्रेंच फ्राइज़,रास्पबेरी,शकरकंद, बादाम ऐसे कुछ आहार हैं जो गुर्दे की पथरी को बढ़ाता हैं इन्हें ना खाएं l डॉक्टर भास्कर शर्मा ने होम्योपैथिक औषधियों में हाइड्रेंजिया ,परेरा ब्रावा,कैंथारिस ,लाइकोपोडियम,सरसापैरिला, कैलकेरिया कार्ब, आदि औषधि के सेवन से पथरी से छुटकारा पाया जा सकता है l

रिपोर्ट: विशाल कुमार गुप्ता  लाइव भारत समाचार

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