लाइव भारत समाचार में आपका स्वागत है बस्ती,16 अक्टूबर-लाइव भारत समाचार:- उत्तर प्रदेश में इन दिनो दिनो डेंगू के मामलों में भी तेजी देखने को मिल रही हैं। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में लगातार डेंगू के नए केस दर्ज किए जा रहे हैं। डॉक्टरों की माने तो डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी जरूर बरते। लापरवाही खतरनाक हो सकती है। बुखार अधिक दिन रहने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। इसके अलावा, घर में या आसपास कहीं भी साफ पानी न जमा होने दें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहने और दिक्कत महसूस होने पर डॉक्टरों की सलाह पर ही दवाई का सेवन करे। मौसम में रोज हो रहे बदलाव का असर लोगों की सेहत पर अधिक पड़ रहा है। जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में मौसमी बीमारियों से पीड़ितों की भीड़ हो रही है। शुक्रवार को डेंगू का एक मरीज जिला अस्पताल और एक निजी अस्पताल में भर्ती हुआ। अब तक जिले 56 मरीज डेंगू के मिल चुके हैं। सीएचसी व पीएचसी स्तर से 31 और जिला अस्पताल में नौ केस डेंगू के मिल चुके हैं। ओपेक कैली चिकित्सालय में 15, जिला अस्पताल में एक व निजी चिकित्सालय में एक डेंगू पीड़ित का इलाज चल रहा है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 40-50 मरीज डेंगू और मलेरिया की जांच कराने पहुंच रहे हैं। बस्ती में जिला अस्पताल के आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा से डेंगू बुखार के लक्षण, बचाव और घरेलू उपचार के बारे में बात की गयी। उन्होने कहा बुखार के 10 मरीजों में 1 डेंगू के मिल रहे हैं। डेंगू बुखार से बचने के लिये खुद सावधान होना पड़ेगा। बेहतर होगा कि हम अपने आसपास डेंगू मच्छरों को न पनपने दें। तेज बुखार व सिरदर्द, हाथों-पैरों में दर्द, भूख न लगना, जी मचलाना, उल्टी और दस्त, आंखों में दर्द, कमजोरी और थकावट, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे पड़ना, नाक से खून आना आदि डेंगू बुखार के लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों के दिखते ही किसी सक्षम चिकित्सक के संपर्क में आना चाहिये। कैसे करें बचाव डेंगू एक संचारी रोग है जो मच्छरों द्वारा एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है। इसके लिये कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है ऐसे में बचाव का सिर्फ एक तरीका है खुद को मच्छरों से बचाकर रखना। आप मॉस्किटो रेपलेंट्स, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। अपने घर के दरवाजे और खिड़कियों को शाम होने से पहले बदं कर दें। शरीर को पूरी तरह से कवर करने वाले कपड़े पहनें। अपने आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। कूलर का पानी बदलते रहें। गमलों, टूटे फूटे बर्तनों, पुराने टायरों, जानवरों के भोजन के पात्र, प्लास्टिक के डिब्बों आदि में पानी न इकट्ठा होने दें। पानी को ढंक कर रखें। ऐसी जगहों पर ही मच्छर अंडे देते हैं। यदि कोई खुला जल स्रोत है, जिसे आप हटा नहीं कर सकते हैं, तो उसे या तो ढंक दें या फिर उपयुक्त कीटनाशक अप्लाई करें। होम्योपैथी में है रामबाण इलाज इयूपिटोरियमपर्फ, आरसेनिक एलबम, चाइना, नाइट्रम्योर, एकोनाइट, बेलाडोना, रसटास्क, डलकामारा, नक्सबोम दवायें लक्षण के अनुसार उचित पॉवर में सक्षम चिकित्सक की देखरेख में ली जा सकती हैं। होम्योपैथी सरल, सहज और आसानी से उपलब्ध होने वाली सस्ती चिकित्सा पद्धति है जो समय रहते शुरू की जाये तो बड़ी क्षति को रोकने में सक्षम है। डा. वी.के. वर्मा कहते हैं डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटने लगती है इसलिए अपनी डाइट में आयरन से भरपूर फलों व सब्जियों को शामिल करना चाहिये। पपीता खाएं या आप इसकी ताजी पत्तियों के जूस निकाल कर पी सकते हैं। इससे इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है और खून में प्लेटलेट काउंट तेजी से बढ़ते हैं। इस बुखार में नारियल पानी का सेवन भी काफी फायदेमंद हो सकता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व व मिनरल्स इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर रिकवरी में मदद करते हैं। तुलसी, काली मिर्च को 1 कप पानी में डालकर अच्छी तरह उबालें। फिर इसे ठंडा करके दिन में 4 से 5 बार पिएं। इससे भी इम्यून सिस्टम मजबूत होगा और डेंगू से छुटकारा मिलेगा। गिलोय का जूस खून में व्हाइट ब्लड सेल्स बढ़ाने में काफी मददगार है। डेंगू के मरीज को नियमित रूप से गिलोय का रस पीना चाहिये, इससे उसकी तबीयत में जल्दी सुधार होगा। 1 गिलास गाजर के जूस में 3-4 चम्मच चुकंदर का रस मिलाकर मरीज को दें। इससे प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है। डेंगू के मरीज को लाल फल और सब्जियां जैसे- टमाटर, प्लम, तरबूज, चेरी आदि का सेवन करना चाहिये। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा भरपूर होती है, जिससे शरीर में ब्लड सेल्स की मात्रा तेजी से बढ़ने लगती है। डा. वी.के. वर्मा, जिला अस्पताल बस्ती में तैनात आयुष विभाग के नोडल अधिकारी हैं। आपने करीब 35 साल के चिकित्सा अनुभवों के आधार पर लाखों रोगियों का सफल इलाज किया है। इन्होने बस्ती से फैजाबाद मार्ग पर पटेल एस.एम.एच. हॉस्पिटल एवं पैरामेडिकल कालेज, बसुआपार में डा. वी.के. वर्मा इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस सहित कई विद्यालयों की स्थापना की है। खास बात ये है कि इनके अस्पताल में दवाओं के अतिरिक्त रोगियों से कोई चार्ज नही लिया जाता। दवाओं के भुगतान में भी डा. वर्मा गरीबों, पत्रकारों, साहित्यकारों की मदद किया करते हैं। इनकी सेवाओं या परामर्श के लिये इस नम्बर पर संपर्क किया जा सकता है। रिपोर्ट:- बस्ती ब्यूरो-लाइव भारत समाचार
सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

डेंगू के लक्षण दिखने पर ना करें अनदेखी-डॉ0वी. के. वर्मा

बस्ती,16 अक्टूबर-लाइव भारत समाचार:– उत्तर प्रदेश में इन दिनो दिनो डेंगू के मामलों में भी तेजी देखने को मिल रही हैं। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में लगातार डेंगू के नए केस दर्ज किए जा रहे हैं। डॉक्टरों की माने तो डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी जरूर बरते। लापरवाही खतरनाक हो सकती है। बुखार अधिक दिन रहने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। इसके अलावा, घर में या आसपास कहीं भी साफ पानी न जमा होने दें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहने और दिक्कत महसूस होने पर डॉक्टरों की सलाह पर ही दवाई का सेवन करे।

मौसम में रोज हो रहे बदलाव का असर लोगों की सेहत पर अधिक पड़ रहा है। जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में मौसमी बीमारियों से पीड़ितों की भीड़ हो रही है। शुक्रवार को डेंगू का एक मरीज जिला अस्पताल और एक निजी अस्पताल में भर्ती हुआ। अब तक जिले 56 मरीज डेंगू के मिल चुके हैं। सीएचसी व पीएचसी स्तर से 31 और जिला अस्पताल में नौ केस डेंगू के मिल चुके हैं।

ओपेक कैली चिकित्सालय में 15, जिला अस्पताल में एक व निजी चिकित्सालय में एक डेंगू पीड़ित का इलाज चल रहा है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 40-50 मरीज डेंगू और मलेरिया की जांच कराने पहुंच रहे हैं।
बस्ती में जिला अस्पताल के आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा से डेंगू बुखार के लक्षण, बचाव और घरेलू उपचार के बारे में बात की गयी। उन्होने कहा बुखार के 10 मरीजों में 1 डेंगू के मिल रहे हैं। डेंगू बुखार से बचने के लिये खुद सावधान होना पड़ेगा। बेहतर होगा कि हम अपने आसपास डेंगू मच्छरों को न पनपने दें।
तेज बुखार व सिरदर्द, हाथों-पैरों में दर्द, भूख न लगना, जी मचलाना, उल्टी और दस्त, आंखों में दर्द, कमजोरी और थकावट, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे पड़ना, नाक से खून आना आदि डेंगू बुखार के लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों के दिखते ही किसी सक्षम चिकित्सक के संपर्क में आना चाहिये।

कैसे करें बचाव
डेंगू एक संचारी रोग है जो मच्छरों द्वारा एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है। इसके लिये कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है ऐसे में बचाव का सिर्फ एक तरीका है खुद को मच्छरों से बचाकर रखना। आप मॉस्किटो रेपलेंट्स, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। अपने घर के दरवाजे और खिड़कियों को शाम होने से पहले बदं कर दें। शरीर को पूरी तरह से कवर करने वाले कपड़े पहनें। अपने आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। कूलर का पानी बदलते रहें। गमलों, टूटे फूटे बर्तनों, पुराने टायरों, जानवरों के भोजन के पात्र, प्लास्टिक के डिब्बों आदि में पानी न इकट्ठा होने दें। पानी को ढंक कर रखें। ऐसी जगहों पर ही मच्छर अंडे देते हैं। यदि कोई खुला जल स्रोत है, जिसे आप हटा नहीं कर सकते हैं, तो उसे या तो ढंक दें या फिर उपयुक्त कीटनाशक अप्लाई करें।
होम्योपैथी में है रामबाण इलाज
इयूपिटोरियमपर्फ, आरसेनिक एलबम, चाइना, नाइट्रम्योर, एकोनाइट, बेलाडोना, रसटास्क, डलकामारा, नक्सबोम दवायें लक्षण के अनुसार उचित पॉवर में सक्षम चिकित्सक की देखरेख में ली जा सकती हैं। होम्योपैथी सरल, सहज और आसानी से उपलब्ध होने वाली सस्ती चिकित्सा पद्धति है जो समय रहते शुरू की जाये तो बड़ी क्षति को रोकने में सक्षम है।
डा. वी.के. वर्मा कहते हैं डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटने लगती है इसलिए अपनी डाइट में आयरन से भरपूर फलों व सब्जियों को शामिल करना चाहिये। पपीता खाएं या आप इसकी ताजी पत्तियों के जूस निकाल कर पी सकते हैं। इससे इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है और खून में प्लेटलेट काउंट तेजी से बढ़ते हैं। इस बुखार में नारियल पानी का सेवन भी काफी फायदेमंद हो सकता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व व मिनरल्स इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर रिकवरी में मदद करते हैं।

तुलसी, काली मिर्च को 1 कप पानी में डालकर अच्छी तरह उबालें। फिर इसे ठंडा करके दिन में 4 से 5 बार पिएं। इससे भी इम्यून सिस्टम मजबूत होगा और डेंगू से छुटकारा मिलेगा। गिलोय का जूस खून में व्हाइट ब्लड सेल्स बढ़ाने में काफी मददगार है। डेंगू के मरीज को नियमित रूप से गिलोय का रस पीना चाहिये, इससे उसकी तबीयत में जल्दी सुधार होगा। 1 गिलास गाजर के जूस में 3-4 चम्मच चुकंदर का रस मिलाकर मरीज को दें। इससे प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है। डेंगू के मरीज को लाल फल और सब्जियां जैसे- टमाटर, प्लम, तरबूज, चेरी आदि का सेवन करना चाहिये। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा भरपूर होती है, जिससे शरीर में ब्लड सेल्स की मात्रा तेजी से बढ़ने लगती है।

डा. वी.के. वर्मा, जिला अस्पताल बस्ती में तैनात आयुष विभाग के नोडल अधिकारी हैं। आपने करीब 35 साल के चिकित्सा अनुभवों के आधार पर लाखों रोगियों का सफल इलाज किया है। इन्होने बस्ती से फैजाबाद मार्ग पर पटेल एस.एम.एच. हॉस्पिटल एवं पैरामेडिकल कालेज, बसुआपार में डा. वी.के. वर्मा इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस सहित कई विद्यालयों की स्थापना की है। खास बात ये है कि इनके अस्पताल में दवाओं के अतिरिक्त रोगियों से कोई चार्ज नही लिया जाता। दवाओं के भुगतान में भी डा. वर्मा गरीबों, पत्रकारों, साहित्यकारों की मदद किया करते हैं। इनकी सेवाओं या परामर्श के लिये इस नम्बर पर संपर्क किया जा सकता है।

रिपोर्ट:- बस्ती ब्यूरो-लाइव भारत समाचार

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