लाइव भारत समाचार में आपका स्वागत है https://youtu.be/EihBSTXx-PY?si=wKW6Nt1ajmlBvxGI बस्ती, लाइव भारत समाचार : डूबते सूर्य वउगते सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालु महिलाएं पुत्र प्राप्ति की कामनगर पालिका बस्ती, नगर पंचायतों समेत अन्य ग्रामीण जगहों पर छट्ठ पर्व बड़े धूम धाम से मनाया गया। रविवार की शाम डूबते सूरज को अर्घ्य देकर श्रद्धालु महिलाएं अपने पति एवम संतान की मंगल कामना के साथ घर के सुख समृद्धि की कामना की। छठ पूजा पर्व दीपावली से छः दिन बाद शुरू होता है। राज्य ज्योतिषी आचार्य अवधेश पाण्डे ने बताया कि मान्यता है कि सूर्य पुत्र अंगराज कर्ण प्रति दिन सुबह जल में खड़े होकरसूर्य की उपासना करते थे , और उपासना के बाद उनके पास आकर कोई भी याचक चाहे जो मांग ले वह खाली हाथ नहीं लौटता था। इसी मान्यता के साथ कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को भगवान सूर्य की उपासना करने के लिए छठी उत्सव मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस पर्व का हमारे धर्म शास्त्रों में बड़ा महत्व है जिन महिलाओं को संतान सुख में समस्या आ रही हो,वो इस व्रत को रख सूर्य की उपासना करे, जिन्हे विद्या नहीं वो सूर्य की उपासना करे, किसी को ऊंचाई और ऊंचा पद चाहिए सूर्य की उपासना करे निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होगी। नगर पालिका क्षेत्र में अमहट घाट पर महिला श्रद्धालु जल में खड़ी होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दी। तत्पश्चात सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालु महिलाएं अपने पुत्र प्राप्ति एवम पति की मंगल कामना की पार्थना की।   रिपोर्ट बस्ती ब्यूरो=लाइव भारत समाचार
सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

छठ पर्व पर सूर्यास्त एवम् सूर्योदय को अर्घ्य देकर श्रद्धालु महिलाएं पुत्र प्राप्ति की कामना की

बस्ती, लाइव भारत समाचार : डूबते सूर्य वउगते सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालु महिलाएं पुत्र प्राप्ति की कामनगर पालिका बस्ती, नगर पंचायतों समेत अन्य ग्रामीण जगहों पर छट्ठ पर्व बड़े धूम धाम से मनाया गया। रविवार की शाम डूबते सूरज को अर्घ्य देकर श्रद्धालु महिलाएं अपने पति एवम संतान की मंगल कामना के साथ घर के सुख समृद्धि की कामना की। छठ पूजा पर्व दीपावली से छः दिन बाद शुरू होता है। राज्य ज्योतिषी आचार्य अवधेश पाण्डे ने बताया कि मान्यता है कि सूर्य पुत्र अंगराज कर्ण प्रति दिन सुबह जल में खड़े होकरसूर्य की उपासना करते थे , और उपासना के बाद उनके पास आकर कोई भी याचक चाहे जो मांग ले वह खाली हाथ नहीं लौटता था। इसी मान्यता के साथ कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को भगवान सूर्य की उपासना करने के लिए छठी उत्सव मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस पर्व का हमारे धर्म शास्त्रों में बड़ा महत्व है जिन महिलाओं को संतान सुख में समस्या आ रही हो,वो इस व्रत को रख सूर्य की उपासना करे, जिन्हे विद्या नहीं वो सूर्य की उपासना करे, किसी को ऊंचाई और ऊंचा पद चाहिए सूर्य की उपासना करे निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होगी। नगर पालिका क्षेत्र में अमहट घाट पर महिला श्रद्धालु जल में खड़ी होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दी। तत्पश्चात सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालु महिलाएं अपने पुत्र प्राप्ति एवम पति की मंगल कामना की पार्थना की।

 

रिपोर्ट बस्ती ब्यूरो=लाइव भारत समाचार

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