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discussion on pegasus parliament नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र का दूसरा हफ्ता भी हंगामे की वजह से जाया हो गया। दूसरे हफ्ते के आखिरी कामकाजी दिन शुक्रवार को भी विपक्ष के सांसद पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराने की मांग करते रहे और इस मसले पर दोनों सदनों में हंगामा चलता रहा। कई बार के स्थगन के बाद दोनों सदन सोमवार सुबह तक के लिए स्थगित हो गए। इस बीच केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि वह पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा नहीं कराएगी, बाकी मुद्दों पर वह चर्चा के लिए तैयार है।

विपक्ष की मांग है कि पेगासस विवाद पर सदन में प्रधानमंत्री या गृह मंत्री की मौजूदगी में चर्चा हो। लेकिन संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने पेगासस पर चर्चा नहीं कराने का स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि पेगासस कोई मुद्दा ही नहीं है और सरकार जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। जोशी ने विपक्ष के व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए लोकसभा में कहा कि स्पाईवेयर मामला कोई गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि आईटी मंत्री इस मुद्दे पर दोनों सदनों में पहले ही विस्तार से बयान दे चुके हैं। प्रहलाद जोशी ने कहा कि देश की जनता से सीधे तौर पर जुड़े बहुत से मुद्दे हैं और सरकार उन पर चर्चा के लिए तैयार है।

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इस बीच पेगासस विवाद, किसानों और महंगाई के मुद्दों पर संसद में शुक्रवार को भी हंगामा हुआ। हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई और उसके बाद सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। उधर राज्यसभा में भी हंगामे के चलते पहले कार्यवाही 12 बजे तक और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

दूसरी ओर विपक्ष ने संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा कर ली थी। इसके लिए राज्यसभा के नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कमरे में 16 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई। इसमें राज्यसभा और लोकसभा के नेता शामिल थे। मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा आनंद शर्मा, अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल के सुखेंदु शेखर  रॉय, समाजवादी पार्टी के विश्वंभर निषाद, एनसीपी की वंदना चव्हाण, शिव सेना के संजय राउत, सीपीएम के ई करीम, सीपीआई के विनय विश्वम, डीएमके के आर बालू आदि नेता मौजूद थे।

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सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

पेगासस पर चर्चा नहीं कराएगी सरकार-Hindi News

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discussion on pegasus parliament नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र का दूसरा हफ्ता भी हंगामे की वजह से जाया हो गया। दूसरे हफ्ते के आखिरी कामकाजी दिन शुक्रवार को भी विपक्ष के सांसद पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराने की मांग करते रहे और इस मसले पर दोनों सदनों में हंगामा चलता रहा। कई बार के स्थगन के बाद दोनों सदन सोमवार सुबह तक के लिए स्थगित हो गए। इस बीच केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि वह पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा नहीं कराएगी, बाकी मुद्दों पर वह चर्चा के लिए तैयार है।

विपक्ष की मांग है कि पेगासस विवाद पर सदन में प्रधानमंत्री या गृह मंत्री की मौजूदगी में चर्चा हो। लेकिन संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने पेगासस पर चर्चा नहीं कराने का स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि पेगासस कोई मुद्दा ही नहीं है और सरकार जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। जोशी ने विपक्ष के व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए लोकसभा में कहा कि स्पाईवेयर मामला कोई गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि आईटी मंत्री इस मुद्दे पर दोनों सदनों में पहले ही विस्तार से बयान दे चुके हैं। प्रहलाद जोशी ने कहा कि देश की जनता से सीधे तौर पर जुड़े बहुत से मुद्दे हैं और सरकार उन पर चर्चा के लिए तैयार है।

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इस बीच पेगासस विवाद, किसानों और महंगाई के मुद्दों पर संसद में शुक्रवार को भी हंगामा हुआ। हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई और उसके बाद सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। उधर राज्यसभा में भी हंगामे के चलते पहले कार्यवाही 12 बजे तक और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

दूसरी ओर विपक्ष ने संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा कर ली थी। इसके लिए राज्यसभा के नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कमरे में 16 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई। इसमें राज्यसभा और लोकसभा के नेता शामिल थे। मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा आनंद शर्मा, अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल के सुखेंदु शेखर  रॉय, समाजवादी पार्टी के विश्वंभर निषाद, एनसीपी की वंदना चव्हाण, शिव सेना के संजय राउत, सीपीएम के ई करीम, सीपीआई के विनय विश्वम, डीएमके के आर बालू आदि नेता मौजूद थे।

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