कबीर के सपूत स्वर्गीय भालचंद यादव के दूसरी पुण्यतिथि पर आज भगता में फिर उमड़ेगा भारी जनसैलाब
संतकबीरनगर। भगता की ऐतिहासिक धरती एक बार फिर आंसुओं से सराबोर होने को आतुर है। इस मिट्टी ने पूर्वांचल को एक ऐसा सपूत दिया था जिसने समाज को इंसानियत, त्याग, संवेदनशीलता, न्याय और संघर्ष का ऐतिहासिक पैगाम दिया है आज भले ही पूर्व सांसद भालचंद्र यादव इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनके विचार और सिद्धांत आज भी हवेली से लेकर झोपड़ी के सिरहाने मौजूद है दो साल का लंबा समय भले ही गुजर गया हो लेकिन इस अवधि में शायद ही कोई ऐसा पल रहा होगा जब जिले के पीड़ित मजदूर बेबस लाचार के साथ ही पूरी आवाम को इस बहादुर सबूत की याद ना आए हो जब भी कबीर की धरती पर किसी भी मजलूम और पीड़ित के साथ अन्याय दिखा तो आवाम को पंचतत्व में विलीन हुए उस मसीहा की याद आने लगी यही कारण था कि आज से ठीक दो साल पहले जब पूर्व सांसद भालचंद्र यादव का निधन हुआ तो समूचा पूर्वांचल कबीर की सर जमी पर निडरता संघर्ष और विकास के युगपुरुष को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ पड़ा था। खामोश थी सरयू की धारा भी मानो थम सी गई थी कबीर नगर की सड़कों और गलियों में सिर्फ आंसुओं से सराबोर जनसैलाब था आज जब भगता स्थित बाग में पूर्व सांसद भालचंद्र यादव की द्वितीय पुण्यतिथि के आयोजन की तैयारियां जब अंतिम दौर में है तो लोगों को सारे इंतजाम फीके पडने का अंदेशा भी सताने लगा है। बड़े पुत्र पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमोद यादव, युवा नेता सुबोध चंद्र यादव और पूर्व सांसद के अनुयाइयों के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म स्थापित करने में जुटे हैं जहां एक मंच पर लोग अपने महबूब नेता को श्रद्धांजलि अर्पित कर सके। आज सुबह 10:00 बजे से आयोजित इस द्वितीय पूर्ण तिथि में पूर्वांचल दिग्गज राजनीतिज्ञों संभ्रांत लोगों समाज सेवियों और आम जनमानस के पहुंचने की उम्मीद है।युवा नेता सुबोध चंद यादव ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आज 4 अक्टूबर को हमारे पूज्यनीय पिता स्वर्गीय श्री भालचंद्र यादव जी ( पूर्व सांसद) की द्वितीय पूण्यतिथि है ! उददृष्ट श्राद्ध के क्रम में दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हमारे ग्राम सभा भगता में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है! कृपया अधिक से अधिक तादात में श्रद्धांजलि सभा में शरीक होकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें, हमें कृतार्थ करे।