लाइव भारत समाचार में आपका स्वागत है बस्ती, 22 अप्रैल लाइव भारत समाचार नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया जारी है। नामांकन की आखिरी तारीख 24 अप्रैल है। इसमे कुछ ही दिन और शेष रह गये हैं। अभी तक प्रमुख राजनीतिक दलों मे किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नही किया। भाजपा, बसपा और कांग्रेस को प्रत्याशी तय करने में पसीने छूट रहे हैं। दरअसल पिछले चुनाव में बस्ती नगरपालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ चुकी अंकुर वर्मा की पत्नी नेहा वर्मा करीब तीन हजार मतों से चुनाव हार गयी थीं। उस वक्त उनके पति अंकुर वर्मा कांग्रेस में थे। जून 2022 में उन्होने कांग्रेस छोड़ दिया और दूसरे दलों में एण्ट्री का प्रयास करने लगे। अंततः उन्होने निकाय चुनाव का बिगुल बजते ही समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर लिया। अंकुर की एक स्वच्छ छबि है, उनकी सरलता लोग पसंद करते हैं, पिछले चुनाव में हुई हार से उनको सहानुभूति भी मिल रही है। माना जा रहा है कि वे जनता की पहली पसंद हो सकते हैं। लेकिन दूसरे दलों ने अभी अपने पत्ते नही खोले हैं, जाहिर है अंकुर को चुनाव हराने के लिये मजबूत ब्यूह रचना भी होगी। फिलहाल अभी कुछ स्पष्ट कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि अनुमान दूसरे दलों के प्रत्याशियों का नाम सामने आने के बाद ही लगाया जा सकता है। बताया यह भी जा रहा है कि पूर्व में जितने लोगों ने चुनाव की इच्छा जाहिर करते हुये प्रचार के लिये अपनी होर्डिंग लगवाया था उनमें एक भी नेहा वर्मा को चुनाव हराने मे सक्षम नही होंगे। दूसरी ओर रणनीति के जानकार बताते हैं कि दूसरे किसी दल में माइनारिटी या कायस्थ कम्यूनिटी का कोई साफ सुथरा चेहरा सामने आया तो नेहा वर्मा के लिये चुनाव जीतना मुश्किल हो सकता है। रिपोर्ट: अनिल श्रीवास्तव लाइव भारत समाचार
सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

निकाय चुनाव में प्रत्यासी की चयन करने में बड़ी पार्टियों के भी छूट रहे पसीने

बस्ती, 22 अप्रैल लाइव भारत समाचार नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया जारी है। नामांकन की आखिरी तारीख 24 अप्रैल है। इसमे कुछ ही दिन और शेष रह गये हैं। अभी तक प्रमुख राजनीतिक दलों मे किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नही किया। भाजपा, बसपा और कांग्रेस को प्रत्याशी तय करने में पसीने छूट रहे हैं। दरअसल पिछले चुनाव में बस्ती नगरपालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ चुकी अंकुर वर्मा की पत्नी नेहा वर्मा करीब तीन हजार मतों से चुनाव हार गयी थीं। उस वक्त उनके पति अंकुर वर्मा कांग्रेस में थे।

जून 2022 में उन्होने कांग्रेस छोड़ दिया और दूसरे दलों में एण्ट्री का प्रयास करने लगे। अंततः उन्होने निकाय चुनाव का बिगुल बजते ही समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर लिया। अंकुर की एक स्वच्छ छबि है, उनकी सरलता लोग पसंद करते हैं, पिछले चुनाव में हुई हार से उनको सहानुभूति भी मिल रही है। माना जा रहा है कि वे जनता की पहली पसंद हो सकते हैं। लेकिन दूसरे दलों ने अभी अपने पत्ते नही खोले हैं, जाहिर है अंकुर को चुनाव हराने के लिये मजबूत ब्यूह रचना भी होगी।

फिलहाल अभी कुछ स्पष्ट कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि अनुमान दूसरे दलों के प्रत्याशियों का नाम सामने आने के बाद ही लगाया जा सकता है। बताया यह भी जा रहा है कि पूर्व में जितने लोगों ने चुनाव की इच्छा जाहिर करते हुये प्रचार के लिये अपनी होर्डिंग लगवाया था उनमें एक भी नेहा वर्मा को चुनाव हराने मे सक्षम नही होंगे। दूसरी ओर रणनीति के जानकार बताते हैं कि दूसरे किसी दल में माइनारिटी या कायस्थ कम्यूनिटी का कोई साफ सुथरा चेहरा सामने आया तो नेहा वर्मा के लिये चुनाव जीतना मुश्किल हो सकता है।

रिपोर्ट: अनिल श्रीवास्तव लाइव भारत समाचार

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *