लाइव भारत समाचार में आपका स्वागत है [video width="640" height="352" mp4="https://livebharatsamachar.com/wp-content/uploads/2023/04/WhatsApp-Video-2023-04-30-at-17.41.02.mp4"][/video] बस्ती, 30 अप्रैल लाइव भारत समाचार:- जनपद में एक नगरपालिका सहित 10 नगर पंचायतों में निकाय चुनाव में अपनी सुनिश्चित करने के लिये प्रत्याशी जोर आजमा रहे है। प्रत्याशी और समर्थक तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी ने रूधौली में भाजपा प्रत्याशी श्रीमती संगीता जायसवाल के पक्ष में एक जनसभा में बोलते हुये कहा, कौन कहता है संजय जायसवाल के पास पैसा नही है। वे दो बार यहां से विधायक रहे। मै खुद 500 करोड़ का आदमी हूं। मेरे पास इतना है तो पूर्व विधायक के पास कितना होगा। संगीता जायसवाल को चुनाव जिताने के लिये जितने रूपयों की जरूरत होगी हम देंगे। जिपंअ को चुनाव के लिये निर्धारित खर्च की सीमा भी याद नही रही। उन्होने यह भी कहा जिस जाति के लोग ज्यादा होते हैं उसी जाति का विधायक बार बार होता है। उनका पूरा भाषण आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है। लेकिन भाजपा में इसलिये सब माफ है। उनका बड़बोलेपन को पूरा जिला जानता है। भावावेश में आकर वे क्या बोल जायेंगे कुछ कहा नही जा सकता। साल 2017 में विधानसभा का टिकट न मिलने पर उनका इसी तरह का बडबोलापन सामने आया था। उन्होने इसके लिये सांसद को खूब खरी सुनाया था। मीडिया चैनलों में नेताजी को खूब टीआरपी मिली थी। टिकट कटने से नाराज नेताओं का खेमा सीएमएस स्कूल में इकट्ठा हुआ था, वहीं से सांसद को नीचा दिखाने की रणनीति बनी थी। हालांकि टिकट न मिलने से नाराज सभी किरदार समय आने पर खांचे में सेट होते गये। याद दिला दें संजय चौधरी ने विरोध किया, बागी तेवर अख्तियार किया तो आज जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, लालजी टंडन और कलराज मिश्र की शव यात्रा निकालने वाले सीए चन्द्रपकाश शुक्ल बाद में कप्तानगंज विधायक बने। विरोधी खेमे में शामिल कुछ लोग निकाय चुनाव के जरिये खुद को सेट करने में लगे हुये हैं। इतना ही नही भाषण के दौरान जिपंअ ने इलाके के एक प्रभावशाली व्यक्ति को खुली चुनौती भी दे डाली,जिपं अध्यक्ष के इस बयान को लेकर भाजपा की ख़ूब किरकिरी हो रही है। जिला निर्वाचन अधिकारी को ध्यान देने की जरूरत है। जाति आधारित भाषणों, रूपयों और उपहारों का प्रलोभन देकर प्रत्याशी अपनी धाक जमाना चाहेंगे। यदि वे इसमें सफल रहे तो निष्पक्ष चुनाव कराना आसान नही होगा। जनता को भी चाहिये आपत्तिजनक भाषणों, बयानों और गतिविधियों की सूचना तुरन्त कण्ट्रोल रूम को दें, जिससे जनपद में पारदार्शी तरीके से भयमुक्त वातावरण में निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न हो सके। रिपोर्ट: अनिल श्रीवास्तव लाइव भारत समाचार
सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

भाजपा नेता के बयान से हो रही किरकिरी

बस्ती, 30 अप्रैल लाइव भारत समाचार:- जनपद में एक नगरपालिका सहित 10 नगर पंचायतों में निकाय चुनाव में अपनी सुनिश्चित करने के लिये प्रत्याशी जोर आजमा रहे है। प्रत्याशी और समर्थक तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी ने रूधौली में भाजपा प्रत्याशी श्रीमती संगीता जायसवाल के पक्ष में एक जनसभा में बोलते हुये कहा, कौन कहता है संजय जायसवाल के पास पैसा नही है।

वे दो बार यहां से विधायक रहे। मै खुद 500 करोड़ का आदमी हूं। मेरे पास इतना है तो पूर्व विधायक के पास कितना होगा। संगीता जायसवाल को चुनाव जिताने के लिये जितने रूपयों की जरूरत होगी हम देंगे। जिपंअ को चुनाव के लिये निर्धारित खर्च की सीमा भी याद नही रही। उन्होने यह भी कहा जिस जाति के लोग ज्यादा होते हैं उसी जाति का विधायक बार बार होता है। उनका पूरा भाषण आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है। लेकिन भाजपा में इसलिये सब माफ है। उनका बड़बोलेपन को पूरा जिला जानता है। भावावेश में आकर वे क्या बोल जायेंगे कुछ कहा नही जा सकता।

साल 2017 में विधानसभा का टिकट न मिलने पर उनका इसी तरह का बडबोलापन सामने आया था। उन्होने इसके लिये सांसद को खूब खरी सुनाया था। मीडिया चैनलों में नेताजी को खूब टीआरपी मिली थी। टिकट कटने से नाराज नेताओं का खेमा सीएमएस स्कूल में इकट्ठा हुआ था, वहीं से सांसद को नीचा दिखाने की रणनीति बनी थी। हालांकि टिकट न मिलने से नाराज सभी किरदार समय आने पर खांचे में सेट होते गये। याद दिला दें संजय चौधरी ने विरोध किया, बागी तेवर अख्तियार किया तो आज जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, लालजी टंडन और कलराज मिश्र की शव यात्रा निकालने वाले सीए चन्द्रपकाश शुक्ल बाद में कप्तानगंज विधायक बने।

विरोधी खेमे में शामिल कुछ लोग निकाय चुनाव के जरिये खुद को सेट करने में लगे हुये हैं। इतना ही नही भाषण के दौरान जिपंअ ने इलाके के एक प्रभावशाली व्यक्ति को खुली चुनौती भी दे डाली,जिपं अध्यक्ष के इस बयान को लेकर भाजपा की ख़ूब किरकिरी हो रही है। जिला निर्वाचन अधिकारी को ध्यान देने की जरूरत है। जाति आधारित भाषणों, रूपयों और उपहारों का प्रलोभन देकर प्रत्याशी अपनी धाक जमाना चाहेंगे। यदि वे इसमें सफल रहे तो निष्पक्ष चुनाव कराना आसान नही होगा। जनता को भी चाहिये आपत्तिजनक भाषणों, बयानों और गतिविधियों की सूचना तुरन्त कण्ट्रोल रूम को दें, जिससे जनपद में पारदार्शी तरीके से भयमुक्त वातावरण में निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न हो सके।

रिपोर्ट: अनिल श्रीवास्तव लाइव भारत समाचार

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