बस्ती, 15 जून : लाइव भारत समाचार :- सरकार, सहारा प्रबंधन और तथाकथित मीडिया संस्थानों की मिलीभगत से सहारा के 13 करोड़ जमाकर्ताओं का 3 लाख करोड़ रूपये का भुगतान नही हो रहा है। एक बहुत बड़ी साजिश रची गई है। 4 हजार से ज्यादा निवेशक और सहारा कार्यकर्ता मौत को गले लगा चुके हैं, इसके बावजूद सरकार नींद से नही जागी। यह बातें पीआईएल प्रभारी सतीश चतुर्वदी ने कहीं। वे प्रेस क्लब सभागार में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
वे सहारा संकल्प न्याय यात्रा लेकर सम्पूर्ण भारत के भ्रमण पर निकले हैं। वे जिलों में कार्यक्रम आयोजित कर सहारा के जमाकर्ताओं को पीआईएल से जुड़ने को प्रेरित कर रहे हैं। श्री चतुर्वेदी ने कहा पिछले 3 साल से भुगतान के लिये जारी संघर्ष का नतीजा रहा कि गृहमंत्री ने खुद घोषणा किया कि जमाकर्ताओं को पाई पाई भुगतान किया जायेगा। लेकिन पता चला है कि शासन के दबाव में जिला प्रशासन के द्वारा उनके चहेतों का भुगतान किया जा रहा है जिसके अनेक प्रमाण हैं। चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि आरटीआई के जरिये मिली जानकारी के अनुसार देशभर में 242 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है, हैरानी इस बात की है इसके लिये 249 करोड़ व्यय किया गया।
चतुर्वेदी ने कहा हमने वैधानिक प्रक्रिया शुरू की है, ज्यादा से जयादा लोग पीआईएल से जुड़ेंगे तो इस मामले की सुनवाई अलग बेंच करेगी और विनेशकों को जल्दी न्याय मिलेगा। संयुक्त आल इंहडया जनान्दोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के राष्टीय अध्यक्ष अभयदेव शुक्ल ने कहा सरकार इसे चेतावनी समझे या हमारी विनती, निवेशकों का पाई पाई लेकर ही दम लेंगे। पूरा देश जाग चुका है और निवेशक किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उन्होने कहा सरकार को वर्ग संघर्ष से देश को बचाने की खातिर समय रहते निर्णायक कदम उठाना होगा।
शहनाज जहां महिला अध्यक्ष मध्य प्रदेश ने कहा गाढ़ी कमाई का एक एक रूपया बड़ी मशक्कत से जमाकर्ताओं ने सहारा पर भरोसा करके जमा किया था, कि बुरे वक्त में काम आयेगा। लेकिन जानबूझकर हालात खराब किये जा रहे हैं। अनेकों जमाकर्ताओं, सहारा कार्यकर्ताओं का परिवार बरबाद हो या, बच्चे अनाथ हो गया, बेटियों की शादियां नही हो पाई लेकिन सरकार की संवेदनहीनता की मार जमाकर्ता झेलता रहा। उन्होने कहा हमे कानून पर भरोसा है इसलिये लीगल प्रक्रिया शुरू की है, शीघ्र ही इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में शुरू होगी। मोर्चा के मध्य प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष विष्णु कुमार झा ने कहा सहारा कार्यकर्ताओं को आगे आकर न्याय मोर्चा की मदद करनी चाहिये। इस पूरे मामले में उनकी जवाबदेही बनती है। कहीं ऐसा न हो वर्ग संघर्ष की स्थिति में वे ही निशाने पर रहें।
रिपोर्ट, बस्ती ब्यूरो : लाइव भारत समाचार