लाइव भारत समाचार में आपका स्वागत है बस्‍ती में आशिक मिजाज दरोगा को ग्रामीणों ने बंधक बनाकर पीटा, एसपी ने किया निलंबित। बस्ती ज‍िले में आशिक मिजाज दारोगा की ग्रामीणों ने जमकर प‍िटाई कर दी। इतना ही नहीं दारोगा को घंटों बंधक बनार रखा। सूचना पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार त्रिपाठी ने ग्रामीणों से बातचीत कर दरोगा को मुक्त कराया और थाने लेकर गए। ग्रामीणों ने बताया कि दुबौलिया थाने मैं तैनात दारोगा अशोक चतुर्वेदी अक्सर ऊंजी मुस्तहकम गांव में आया करता था। बुधवार की रात करीब 10.15 बजे वह अपनी बाइक से गांव के बाहर स्थित जूनियर हाईस्कूल पर आया। वहां बाइक को छिपाकर वह गांव में एक घर में घुस गए। स्कूल के पास उसकी बाइक देख ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद दारोगा को पकड़ने के लिए ग्रामीण इंतजार करने लगे। गुरुवार की भोर में करीब 3.15 बजे के करीब वह घर से निकला तो ग्रामीणों ने उसे रोकना चाहा, मगर वह फायरिंग करते हुए भागने लगा। ग्रामीणों ने उसे दौड़ाकर एक गन्ने के खेत के पास पकड़ लिया और पोल के सहारे बांधकर उनकी पिटाई शुरू कर दी। वहीं घटना की सूचना मिलते ही दारोगा को मुक्त कराने के लिए प्रभारी निरीक्षक पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। ग्रामीण काफी आक्रोशित थे। प्रभारी निरीक्षक के समझाने बुझाने और मान मनौव्ल के बाद ग्रामीणों ने दारोगा को मुक्त कर पुलिस के हवाले कर दिया। जून 2020 में स्थानांतरण, जुलाई में हो गया निरस्त। दरोगा अशोक चतुर्वेदी अक्टूबर 2019 में दुबौलिया थाने पर आया था, इसके बाद उसे उमरिया चौकी का प्रभारी बनाया गया था। जून 2020 में उसका स्थानांतरण हो गया। स्थानांतरण के बाद वह एक माह की छुट्टी चला गया था। जुलाई 2020 में उसका स्थानांतरण निरस्त कर दिया गया, जिससे वह दुबौलिया थाने में बना रहा।   एसपी आशीष श्रीवस्तव ने कहा   इस संबंध में बस्‍ती के एसपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया क‍ि दुबौलिया के ऊंजी गांव से गुरुवार की भोर में सूचना मिली कि दुबौलिया थाने के एक दारोगा को ग्रामीणों ने पकड़ रखा है। दुबौलिया पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसे छुड़ाया। ग्रामीणों ने बताया कि दारोगा ने अपने सर्विस रिवाल्वर से फायरिंग की। दारोगा मौके पर बिना वर्दी के था। प्रथम दृष्टया आरोपों की सत्यता को देखते हुए उसे निलंबित कर दिया गया है। एएसपी व सीओ को गांव में भेजा गया है। वहां वे ग्रामीणों से बात कर अन्य जानकारी एकत्र कर रहे हैं। उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।    
सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

बस्‍ती में आशिक मिजाज दरोगा को ग्रामीणों ने बंधक बनाकर पीटा, एसपी ने किया निलंबित

बस्‍ती में आशिक मिजाज दरोगा को ग्रामीणों ने बंधक बनाकर पीटा, एसपी ने किया निलंबित।

बस्ती ज‍िले में आशिक मिजाज दारोगा की ग्रामीणों ने जमकर प‍िटाई कर दी। इतना ही नहीं दारोगा को घंटों बंधक बनार रखा। सूचना पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार त्रिपाठी ने ग्रामीणों से बातचीत कर दरोगा को मुक्त कराया और थाने लेकर गए।

ग्रामीणों ने बताया कि दुबौलिया थाने मैं तैनात दारोगा अशोक चतुर्वेदी अक्सर ऊंजी मुस्तहकम गांव में आया करता था। बुधवार की रात करीब 10.15 बजे वह अपनी बाइक से गांव के बाहर स्थित जूनियर हाईस्कूल पर आया। वहां बाइक को छिपाकर वह गांव में एक घर में घुस गए। स्कूल के पास उसकी बाइक देख ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद दारोगा को पकड़ने के लिए ग्रामीण इंतजार करने लगे। गुरुवार की भोर में करीब 3.15 बजे के करीब वह घर से निकला तो ग्रामीणों ने उसे रोकना चाहा, मगर वह फायरिंग करते हुए भागने लगा।

ग्रामीणों ने उसे दौड़ाकर एक गन्ने के खेत के पास पकड़ लिया और पोल के सहारे बांधकर उनकी पिटाई शुरू कर दी। वहीं घटना की सूचना मिलते ही दारोगा को मुक्त कराने के लिए प्रभारी निरीक्षक पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। ग्रामीण काफी आक्रोशित थे। प्रभारी निरीक्षक के समझाने बुझाने और मान मनौव्ल के बाद ग्रामीणों ने दारोगा को मुक्त कर पुलिस के हवाले कर दिया।

जून 2020 में स्थानांतरण, जुलाई में हो गया निरस्त।

दरोगा अशोक चतुर्वेदी अक्टूबर 2019 में दुबौलिया थाने पर आया था, इसके बाद उसे उमरिया चौकी का प्रभारी बनाया गया था। जून 2020 में उसका स्थानांतरण हो गया। स्थानांतरण के बाद वह एक माह की छुट्टी चला गया था। जुलाई 2020 में उसका स्थानांतरण निरस्त कर दिया गया, जिससे वह दुबौलिया थाने में बना रहा।

 

एसपी आशीष श्रीवस्तव ने कहा

 

इस संबंध में बस्‍ती के एसपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया क‍ि दुबौलिया के ऊंजी गांव से गुरुवार की भोर में सूचना मिली कि दुबौलिया थाने के एक दारोगा को ग्रामीणों ने पकड़ रखा है। दुबौलिया पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसे छुड़ाया। ग्रामीणों ने बताया कि दारोगा ने अपने सर्विस रिवाल्वर से फायरिंग की। दारोगा मौके पर बिना वर्दी के था। प्रथम दृष्टया आरोपों की सत्यता को देखते हुए उसे निलंबित कर दिया गया है। एएसपी व सीओ को गांव में भेजा गया है। वहां वे ग्रामीणों से बात कर अन्य जानकारी एकत्र कर रहे हैं। उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

 

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