नाव नहींं मिली तो कांधे के सहारे निकले बच्ची का कराने इलाज।
मन्नीजोत क्षेत्र के धनोहरा और पेंड़ारी के लोगो का छलका दर्द।
रिपोर्टः मनोज शुक्ला।
सिद्धार्थनगर।राप्ती के द्वारा बाढ की तबाही बदस्तूर जारी है ऐसे मे बाढ़ प्रभावित गांवो के लोगो को जहां तरह तरह की समस्याऐं झेलने की मजबूरी है तो वहीं बीमार बच्चों के इलाज का प्रबंध काफी समस्या खड़ा कर रहा है। भनवापुर ब्लाक क्षेत्र धनोहरा गांव निवासी संतराम की ढ़ाई साल की नातिनी आकृती तथा पेंड़ारी मुस्ताहकम गांव निवासी रामनरेश सोनी की लड़की सिवानी तीन साल पिछले एक हफ्ते से बीमार है स्वास्थ विभाग के द्वारा बांटी जा रही दवाएं नाकाफी साबित हो रही हैं।बतौर संतराम तथा राम नरेश कल गांव में आए स्वास्थ कर्मियों को दिखाए दवा भी दिए मगर बुखार,सर्दी तथा खांसी पर कोई असर नही हुआ।मंगलवार को सुबह से नाव चालक को फोन कर बच्ची के इलाज की दुहाई देकर नाव गांव में लाने का आग्रह किया मगर उसके द्वारा बार बार मै शाहपुर तो कभी डुमरियागंज होने की बात कहकर फोन चार बजे तक काटता रहा।थकहार कर बच्ची की हालत गंभीर तथा जापानी इंसेफेलाइटिस के डर से इलाज के लिए कंधे पर बैठाकर भनवापुर इलाज के लिए जा रहे है।गांव के शानू,नीबर,अवधराम आदि ने बताया कि धनोहरा और पेंड़ारी मुस्ताहकम गांव के लिए एक मोटर वोट दिया गया है मगर दुर्भाग्यवश कभी किसी जरूरत मंद को समय पर नही मिलती हम लोग बाढ़ की त्रास्दी झेल रहे हैं और लोग उसे लेकर सेल्फी के साथ नौका विहार करते है।