लाइव भारत समाचार में आपका स्वागत है सुलतानपुर: संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड:-पूर्व विधायक व प्रमुख सहित सभी आरोपी कोर्ट से बरी_रिपोर्ट_अज़हर अब्बास सुलतानपुर---संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में अभियुक्तों के बरी किए जाने के खिलाफ दायर अपील सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दी। इससे इसौली के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू व प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू सहित सारे आरोपित बेदाग साबित हुए। इसी के साथ 15 वर्ष पूर्व प्रयागराज के हड़िया में हुई आठ लोगों की हत्या की घटना का पटाक्षेप हो गया। जिले में चर्चित रहा इसौली के पूर्व विधायक इंद्रभद्र सिंह की वर्ष 1999 में दीवानी के निकट बम मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में संत ज्ञानेश्वर सहित कई अभियुक्त बनाए गए थे। 10 फरवरी 2006 को महाकुंभ से लौटते समय हड़िया में संत के काफिले पर हमला हुआ था। इसमें स्वयं ज्ञानेश्वर, शिष्याएं नीलम, मिथिलेश, पूजा, पुष्पा, गंगा, ओमप्रकाश तथा रामचंद्र की मौत हो गई थी। इन आठ मौतों के लिए संत के भाई इंद्रदेव ने चंद्रभद्र, यशभद्र को नामजद किया। विवेचना में अखिलेश सिंह, विजय यादव, डब्बू सिंह का नाम आया। बाद में डब्बू पुलिस इनकाउंटर में मारा गया। इलाहाबाद में बंद मोनू पेशी पर आए तो सुलतानपुर की अदालत परिसर में उन पर बम से हमले का प्रयास हुआ। इसमें बहराइच का मदन कुशवाहा बारूद की बेल्ट पहने गिरफ्तार हुआ था। इलाहाबाद में पेशी पर जाते समय सोनू-मोनू पर बमबारी हुई थी, जिसमें संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड का गवाह रामसहाय सहित आठ नामजद हुए। मुकदमा चला तो इलाहाबाद में सोनू-मोनू सहित सारे लोग बरी हो गए। बमबारी में रामसहाय निर्दोष साबित हुए, लेकिन इंद्रभद्र सिंह की हत्या में घटना वाले दिन पकड़े गए दीनानाथ को उम्रकैद की सजा हुई। प्रयागराज सत्र न्यायालय व इलाहाबाद उच्च न्यायालय से बरी किए पूर्व विधायक सहित अन्य आरोपितों को सजा दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में संत के भाई इंद्रदेव तिवारी ने अपील दायर की थी। इसे सुनवाई लायक न मानते हुए अदालत ने खारिज कर दिया। इस फैसले के बाद पूर्व विधायक समर्थकों ने खुशी का माहौल है।
सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

सुलतानपुर: संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड:-पूर्व विधायक व प्रमुख सहित सभीआरोपी कोर्ट से बरी

सुलतानपुर: संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड:-पूर्व विधायक व प्रमुख सहित सभी आरोपी कोर्ट से बरी_रिपोर्ट_अज़हर अब्बास

सुलतानपुर—संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में अभियुक्तों के बरी किए जाने के खिलाफ दायर अपील सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दी। इससे इसौली के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू व प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू सहित सारे आरोपित बेदाग साबित हुए। इसी के साथ 15 वर्ष पूर्व प्रयागराज के हड़िया में हुई आठ लोगों की हत्या की घटना का पटाक्षेप हो गया।

जिले में चर्चित रहा इसौली के पूर्व विधायक इंद्रभद्र सिंह की वर्ष 1999 में दीवानी के निकट बम मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में संत ज्ञानेश्वर सहित कई अभियुक्त बनाए गए थे। 10 फरवरी 2006 को महाकुंभ से लौटते समय हड़िया में संत के काफिले पर हमला हुआ था। इसमें स्वयं ज्ञानेश्वर, शिष्याएं नीलम, मिथिलेश, पूजा, पुष्पा, गंगा, ओमप्रकाश तथा रामचंद्र की मौत हो गई थी। इन आठ मौतों के लिए संत के भाई इंद्रदेव ने चंद्रभद्र, यशभद्र को नामजद किया। विवेचना में अखिलेश सिंह, विजय यादव, डब्बू सिंह का नाम आया। बाद में डब्बू पुलिस इनकाउंटर में मारा गया। इलाहाबाद में बंद मोनू पेशी पर आए तो सुलतानपुर की अदालत परिसर में उन पर बम से हमले का प्रयास हुआ। इसमें बहराइच का मदन कुशवाहा बारूद की बेल्ट पहने गिरफ्तार हुआ था। इलाहाबाद में पेशी पर जाते समय सोनू-मोनू पर बमबारी हुई थी, जिसमें संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड का गवाह रामसहाय सहित आठ नामजद हुए। मुकदमा चला तो इलाहाबाद में सोनू-मोनू सहित सारे लोग बरी हो गए।

बमबारी में रामसहाय निर्दोष साबित हुए, लेकिन इंद्रभद्र सिंह की हत्या में घटना वाले दिन पकड़े गए दीनानाथ को उम्रकैद की सजा हुई। प्रयागराज सत्र न्यायालय व इलाहाबाद उच्च न्यायालय से बरी किए पूर्व विधायक सहित अन्य आरोपितों को सजा दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में संत के भाई इंद्रदेव तिवारी ने अपील दायर की थी। इसे सुनवाई लायक न मानते हुए अदालत ने खारिज कर दिया। इस फैसले के बाद पूर्व विधायक समर्थकों ने खुशी का माहौल है।

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