लाइव भारत समाचार में आपका स्वागत है लखनऊ ,सीएम योगी ने इन 7 दिग्गज नेताओं को दिया मंत्रिमंडल में स्थान, पढ़िए सब में क्या है खूबियां    आखिरकार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अपने नए मंत्रिमंडल का विस्तार कर ही दिया है। काफी लंबे समय से चर्चा चल रही थी कि आखिर कब सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी कैबिनेट मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। सीएम योगी ने जितिन प्रसाद समेत साथ नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। इसमें एक महिला भी शामिल है। खास बात यह है कि इस मंत्रिमंडल में सभी के नेताओं को जिम्मेदारी दी गई हैं। आइए जानते हैं किन-किन नेताओं को योगी आदित्यनाथ ने यूपी कैबिनेट मंत्रीमंडल में जगह दी है।   *जितिन प्रसाद - एमएलसी बनने से पहले कैबिनेट मिनिस्टर बने* लखनऊ  कांग्रेस छोड़कर बीजेपी आए जितिन प्रसाद को योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट में शामिल किया है। जितिन प्रसाद ने रविवार को सबसे पहले मंत्री पद की शपथ ली है। वह यूपी में ब्राह्मण समाज के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और यूपी कांग्रेस के बड़े नेता हैं। इससे पहले दो बार सांसद रहे हैं। यूपीए एक और दो में केंद्र सरकार में राज्यमंत्री रहे हैं। 2004 में शाहजहांपुर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने थे। 2008 में केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री बनाए गए। 2009 में परिसीमन के बाद धौरहरा से लड़े और दूसरी बार सांसद बने। यूपीए-2 में सड़क परिवहन, पेट्रोलियम और मानव संसाधन विभाग में राज्यमंत्री रहे थे। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में धौरहरा से चुनाव हारते रहे। 2017 के विधानसभा चुनाव में शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से चुनाव हारे थे।   जितिन प्रसाद के पिता जितेन्द्र प्रसाद भी 4 बार शाहजहांपुर के सांसद रहे। राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के राजनितिक सलाहकार रहे हैं। जितेन्द्र यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे थे। जितेन्द्र प्रसाद 2000 में सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। जितिन प्रसाद अच्छे खासे पढ़े लिखे मंत्री हैं। वह देहरादून के दून कॉलेज से पढ़े हैं। इसके बाद दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स से ग्रेजुएशन और आईएमआई दिल्ली से एमबीए किया है। जितिन प्रसाद के दो बच्चे बेटा और बेटी हैं। उन्हें पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देखा गया था। जितिन प्रसाद की पत्नी नेहा सेठ हैं।   *छत्रपाल सिंह गंगवार - बरेली के गंगवार मंत्री बने, भाजपा-आरएसएस से पुराना नाता*   *बरेली :* योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में छत्रपाल सिंह गंगवार की मंत्री बनाया गया है। वह बरेली जिले की बहेड़ी विधानसभा सीट से विधायक हैं। वर्ष 2017 में दूसरी बार विधायक चुने गए थे। ओबीसी हैं और कुर्मी समाज से आते हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और करीब 65 साल के हैं। गंगवार 1980 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में हैं। गंगवार आरएसएस के प्रचारक रह चुके हैं।   छत्रपाल सिंह ने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और बीएड भी किया है। पेशे से अध्यापक हैं। खेती-बाड़ी भी करते हैं। उन्होंने बरेली की रोहिलखंड यूनिवर्सिटी से वर्ष 1977 में बीएड किया था। वर्ष 1979 में पोस्ट ग्रेजुएशन की है। गंगवार और समाजवादी पार्टी के अताउर्रहमान के बीच पिछले कई चुनावों में जोरदार मुकाबला देखने के लिए मिलता रहा है। वर्ष 2012 के चुनाव को खासतौर पर जाना जाता है, जब छत्रपाल सिंह गंगवार महज 18 वोटों से चुनाव हार गए थे।   *दिनेश खटीक - हस्तिनापुर के विधायक दिनेश खटीक बने मंत्री*     *मेरठ :* पश्चिम उत्तर प्रदेश के दिग्गज विधायक दिनेश खटीक को भी योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिमंडल में शामिल हैं। दिनेश खटीक मेरठ के हस्तिनापुर सीट से विधायक हैं। 44 वर्षीय दिनेश खटीक ने लखनऊ में मंत्रिमंडल के मंत्री रूप में शपथ की। उनको योगी आदित्यनाथ बड़ी जिम्मेदारी दे रहे हैं। खटीक समाज अनुसूचित जातियों का हिस्सा है। दिनेश खटीक मूल रूप से मवाना थानाक्षेत्र के फलावदा कस्बे के रहने वाले हैं। उन्होंने पहली बार 2017 में भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए हस्तिनापुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। पहली बार में ही दिनेश खटीक ने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी और सिटिंग एमएलए योगेश वर्मा को बुरी तरह पराजित किया था। खास बात यह है कि हस्तिनापुर एक ऐतिहासिक स्थल है। यह सीट भी भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रतीकात्मक रूप से बड़े मायने रखती है।   *पलटू राम - वेल्डर से जिला पंचायत के उपाध्यक्ष अब कैबिनेट मंत्री बने*     *बलरामपुर :* बलरामपुर की सदर सीट से जीते भाजपा विधायक पलटू राम को भी जगह मिली है। पलटू राम गांव-देहात में वेल्डिंग का काम करते थे। उन्हें पूर्वांचल के बाहुबली सांसद बृजभूषण शरण सिंह का साथ मिला और आज योगी मंत्रिमंडल में एंट्री मिल गई है। गोंडा जिले के परेड सरकार गांव में जन्मे विधायक पलटू राम ने अवध विश्वविद्यालय से एमए तक की शिक्षा प्राप्त की है। राजनीति में रुझान होने के कारण छात्र जीवन से ही सामाजिक कार्यों में भागीदारी करते रहे। वह वर्ष 2000 में सबसे पहले भदुआ तरहर क्षेत्र से जिला पंचायत के सदस्य और फिर उपाध्यक्ष चुने गए थे। पलटू राम वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर वह मनकापुर सुरक्षित सीट से लड़े। उन्होंने 2015 में गिर्द गोंडा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा। पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण को देखते हुए उन्हें 2017 के विधानसभा चुनाव में बलरामपुर सदर सीट से टिकट दिया गया। जहां उन्होंने जीत दर्ज की। अब मंत्री बन गए हैं।   *डॉ.संगीता बिन्द - ग्यारहवीं कक्षा में बनी थीं छात्रसंघ की उपाध्यक्ष*     *गाजीपुर :* योगी आदित्यनाथ ने एक महिला विधायक को भी कैबिनेट में स्थान दिया है। गाजीपुर सीट से विधायक डॉ.संगीता बलवन्त को योगी आदित्यनाथ ने मंत्री बनाया है। डॉ.संगीता बलवन्त ने 2017 में गाजीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। वह राजनीतिज्ञ होने के साथ एक लेखिका भी हैं। डॉ.संगीता बलवंत का जन्म गाजीपुर में हुआ। इनके पिता रामसूरत बिंद रिटायर्ड पोस्टमैन थे। छात्र जीवन से ही उनको राजनीति का शौक रहा है। इसके साथ-साथ उन्हें पढ़ाई और कविता का बहुत शौक रहा। डॉ.संगीता स्थानीय पीजी कॉलेज गाजीपुर में छात्रसंघ की उपाध्यक्ष भी रही हैं। इनका विवाह स्थानीय ज़मानियां कस्बा में डॉ.अवधेश से हुआ है, जो पेशे से होम्योपैथिक चिकित्सक हैं। डॉ.संगीता बिंद ओबीसी जाति से आती हैं और पूर्वांचल में ये वोट बैंक काफी संख्या में है। ये जमानियां क्षेत्र से निर्दल जिला पंचायत सदस्य रही हैं।   डॉ.संगीता पहली बार 2017 में बीजेपी के टिकट पर सदर विधानसभा से विधायक बनीं, हालांकि सन 2005 में जिला पंचायत चुनाव भी जीत चुकी हैं। संगीता बलवंत छात्रसंघ वाइस प्रेसिडेंट भी यह चुकी हैं। बाल्यावस्था से ही उन्होंने मेरे महिला राजनीति की है। संगीता को जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा का करीबी माना जाता है। उन्हीं के कहने पर भाजपा ने विधानसभा का टिकट दिया था।   *धर्मवीर प्रजापति - मिला खास मौका, भाजपा में बड़ी जिम्मेदारी निभाई*     *हाथरस :* धर्मवीर प्रजापति विधान परिषद के सदस्य हैं। जनवरी 2021 में विधान परिषद सदस्य बने हैं। पश्चिमी यूपी के हाथरस जिले से हैं और ओबीसी समाज से आते हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष हैं। वह प्रदेश बीजेपी में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। धर्मवीर प्रजापति मूलरूप से हाथरस जिले के बहरदोई गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने आरएसएस के साथ बतौर स्वयंसेवक काम किया है। उन्होंने करीब तीन दशक पहले समाज के लिए सेवा कार्य आरंभ किए। इसके बाद उन्होंने भाजपा से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वर्ष 2002 मे पहली बार उन्हें प्रदेश भाजपा में दायित्व मिला। तत्कालीन पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ में वह प्रदेश के महामंत्री बने। इसके बाद दो बार उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में मंत्री का दायित्व संभाला।   *संजीव गोंड़ - पिता और दादा की बदौलत राजनीति में आए थे*     सोनभद्र जिले की ओबरा विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक संजीव कुमार गोंड़ उर्फ संजय पूर्वांचल से दूसरे एमएलए हैं। संजीव गोंड़ के पिता 1978 में जनसंघ से विधायक रहे हैं। तत्कालीन जनता दल गठबंधन की सरकार में उनको उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी भी मिल चुकी है। ओबरा बिल्ली गांव के रहने वाले विधायक संजीव के दादा रघुनाथ प्रसाद लगातार 35 साल तक प्रधान रहे हैं। संजीव कुमार गोंड़ ने ओबरा कॉलेज से स्नातक किया है। 2017 के विधानसभा चुनाव में ओबरा से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर वह विधायक बने थे।
सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

लखनऊ ,सीएम योगी ने इन 7 दिग्गज नेताओं को दिया मंत्रिमंडल में स्थान, पढ़िए सब में क्या है खूबियां –

लखनऊ ,सीएम योगी ने इन 7 दिग्गज नेताओं को दिया मंत्रिमंडल में स्थान, पढ़िए सब में क्या है खूबियां 

 

आखिरकार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अपने नए मंत्रिमंडल का विस्तार कर ही दिया है। काफी लंबे समय से चर्चा चल रही थी कि आखिर कब सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी कैबिनेट मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। सीएम योगी ने जितिन प्रसाद समेत साथ नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। इसमें एक महिला भी शामिल है। खास बात यह है कि इस मंत्रिमंडल में सभी के नेताओं को जिम्मेदारी दी गई हैं। आइए जानते हैं किन-किन नेताओं को योगी आदित्यनाथ ने यूपी कैबिनेट मंत्रीमंडल में जगह दी है।

 

*जितिन प्रसाद – एमएलसी बनने से पहले कैबिनेट मिनिस्टर बने*

लखनऊ  कांग्रेस छोड़कर बीजेपी आए जितिन प्रसाद को योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट में शामिल किया है। जितिन प्रसाद ने रविवार को सबसे पहले मंत्री पद की शपथ ली है। वह यूपी में ब्राह्मण समाज के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और यूपी कांग्रेस के बड़े नेता हैं। इससे पहले दो बार सांसद रहे हैं। यूपीए एक और दो में केंद्र सरकार में राज्यमंत्री रहे हैं। 2004 में शाहजहांपुर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने थे। 2008 में केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री बनाए गए। 2009 में परिसीमन के बाद धौरहरा से लड़े और दूसरी बार सांसद बने। यूपीए-2 में सड़क परिवहन, पेट्रोलियम और मानव संसाधन विभाग में राज्यमंत्री रहे थे। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में धौरहरा से चुनाव हारते रहे। 2017 के विधानसभा चुनाव में शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से चुनाव हारे थे।

 

जितिन प्रसाद के पिता जितेन्द्र प्रसाद भी 4 बार शाहजहांपुर के सांसद रहे। राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के राजनितिक सलाहकार रहे हैं। जितेन्द्र यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे थे। जितेन्द्र प्रसाद 2000 में सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। जितिन प्रसाद अच्छे खासे पढ़े लिखे मंत्री हैं। वह देहरादून के दून कॉलेज से पढ़े हैं। इसके बाद दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स से ग्रेजुएशन और आईएमआई दिल्ली से एमबीए किया है। जितिन प्रसाद के दो बच्चे बेटा और बेटी हैं। उन्हें पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देखा गया था। जितिन प्रसाद की पत्नी नेहा सेठ हैं।

 

*छत्रपाल सिंह गंगवार – बरेली के गंगवार मंत्री बने, भाजपा-आरएसएस से पुराना नाता*

 

*बरेली :* योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में छत्रपाल सिंह गंगवार की मंत्री बनाया गया है। वह बरेली जिले की बहेड़ी विधानसभा सीट से विधायक हैं। वर्ष 2017 में दूसरी बार विधायक चुने गए थे। ओबीसी हैं और कुर्मी समाज से आते हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और करीब 65 साल के हैं। गंगवार 1980 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में हैं। गंगवार आरएसएस के प्रचारक रह चुके हैं।

 

छत्रपाल सिंह ने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और बीएड भी किया है। पेशे से अध्यापक हैं। खेती-बाड़ी भी करते हैं। उन्होंने बरेली की रोहिलखंड यूनिवर्सिटी से वर्ष 1977 में बीएड किया था। वर्ष 1979 में पोस्ट ग्रेजुएशन की है। गंगवार और समाजवादी पार्टी के अताउर्रहमान के बीच पिछले कई चुनावों में जोरदार मुकाबला देखने के लिए मिलता रहा है। वर्ष 2012 के चुनाव को खासतौर पर जाना जाता है, जब छत्रपाल सिंह गंगवार महज 18 वोटों से चुनाव हार गए थे।

 

*दिनेश खटीक – हस्तिनापुर के विधायक दिनेश खटीक बने मंत्री*

 

 

*मेरठ :* पश्चिम उत्तर प्रदेश के दिग्गज विधायक दिनेश खटीक को भी योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिमंडल में शामिल हैं। दिनेश खटीक मेरठ के हस्तिनापुर सीट से विधायक हैं। 44 वर्षीय दिनेश खटीक ने लखनऊ में मंत्रिमंडल के मंत्री रूप में शपथ की। उनको योगी आदित्यनाथ बड़ी जिम्मेदारी दे रहे हैं। खटीक समाज अनुसूचित जातियों का हिस्सा है। दिनेश खटीक मूल रूप से मवाना थानाक्षेत्र के फलावदा कस्बे के रहने वाले हैं। उन्होंने पहली बार 2017 में भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए हस्तिनापुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। पहली बार में ही दिनेश खटीक ने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी और सिटिंग एमएलए योगेश वर्मा को बुरी तरह पराजित किया था। खास बात यह है कि हस्तिनापुर एक ऐतिहासिक स्थल है। यह सीट भी भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रतीकात्मक रूप से बड़े मायने रखती है।

 

*पलटू राम – वेल्डर से जिला पंचायत के उपाध्यक्ष अब कैबिनेट मंत्री बने*

 

 

*बलरामपुर :* बलरामपुर की सदर सीट से जीते भाजपा विधायक पलटू राम को भी जगह मिली है। पलटू राम गांव-देहात में वेल्डिंग का काम करते थे। उन्हें पूर्वांचल के बाहुबली सांसद बृजभूषण शरण सिंह का साथ मिला और आज योगी मंत्रिमंडल में एंट्री मिल गई है। गोंडा जिले के परेड सरकार गांव में जन्मे विधायक पलटू राम ने अवध विश्वविद्यालय से एमए तक की शिक्षा प्राप्त की है। राजनीति में रुझान होने के कारण छात्र जीवन से ही सामाजिक कार्यों में भागीदारी करते रहे। वह वर्ष 2000 में सबसे पहले भदुआ तरहर क्षेत्र से जिला पंचायत के सदस्य और फिर उपाध्यक्ष चुने गए थे। पलटू राम वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर वह मनकापुर सुरक्षित सीट से लड़े। उन्होंने 2015 में गिर्द गोंडा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा। पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण को देखते हुए उन्हें 2017 के विधानसभा चुनाव में बलरामपुर सदर सीट से टिकट दिया गया। जहां उन्होंने जीत दर्ज की। अब मंत्री बन गए हैं।

 

*डॉ.संगीता बिन्द – ग्यारहवीं कक्षा में बनी थीं छात्रसंघ की उपाध्यक्ष*

 

 

*गाजीपुर :* योगी आदित्यनाथ ने एक महिला विधायक को भी कैबिनेट में स्थान दिया है। गाजीपुर सीट से विधायक डॉ.संगीता बलवन्त को योगी आदित्यनाथ ने मंत्री बनाया है। डॉ.संगीता बलवन्त ने 2017 में गाजीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। वह राजनीतिज्ञ होने के साथ एक लेखिका भी हैं। डॉ.संगीता बलवंत का जन्म गाजीपुर में हुआ। इनके पिता रामसूरत बिंद रिटायर्ड पोस्टमैन थे। छात्र जीवन से ही उनको राजनीति का शौक रहा है। इसके साथ-साथ उन्हें पढ़ाई और कविता का बहुत शौक रहा। डॉ.संगीता स्थानीय पीजी कॉलेज गाजीपुर में छात्रसंघ की उपाध्यक्ष भी रही हैं। इनका विवाह स्थानीय ज़मानियां कस्बा में डॉ.अवधेश से हुआ है, जो पेशे से होम्योपैथिक चिकित्सक हैं। डॉ.संगीता बिंद ओबीसी जाति से आती हैं और पूर्वांचल में ये वोट बैंक काफी संख्या में है। ये जमानियां क्षेत्र से निर्दल जिला पंचायत सदस्य रही हैं।

 

डॉ.संगीता पहली बार 2017 में बीजेपी के टिकट पर सदर विधानसभा से विधायक बनीं, हालांकि सन 2005 में जिला पंचायत चुनाव भी जीत चुकी हैं। संगीता बलवंत छात्रसंघ वाइस प्रेसिडेंट भी यह चुकी हैं। बाल्यावस्था से ही उन्होंने मेरे महिला राजनीति की है। संगीता को जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा का करीबी माना जाता है। उन्हीं के कहने पर भाजपा ने विधानसभा का टिकट दिया था।

 

*धर्मवीर प्रजापति – मिला खास मौका, भाजपा में बड़ी जिम्मेदारी निभाई*

 

 

*हाथरस :* धर्मवीर प्रजापति विधान परिषद के सदस्य हैं। जनवरी 2021 में विधान परिषद सदस्य बने हैं। पश्चिमी यूपी के हाथरस जिले से हैं और ओबीसी समाज से आते हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष हैं। वह प्रदेश बीजेपी में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। धर्मवीर प्रजापति मूलरूप से हाथरस जिले के बहरदोई गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने आरएसएस के साथ बतौर स्वयंसेवक काम किया है। उन्होंने करीब तीन दशक पहले समाज के लिए सेवा कार्य आरंभ किए। इसके बाद उन्होंने भाजपा से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वर्ष 2002 मे पहली बार उन्हें प्रदेश भाजपा में दायित्व मिला। तत्कालीन पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ में वह प्रदेश के महामंत्री बने। इसके बाद दो बार उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में मंत्री का दायित्व संभाला।

 

*संजीव गोंड़ – पिता और दादा की बदौलत राजनीति में आए थे*

 

 

सोनभद्र जिले की ओबरा विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक संजीव कुमार गोंड़ उर्फ संजय पूर्वांचल से दूसरे एमएलए हैं। संजीव गोंड़ के पिता 1978 में जनसंघ से विधायक रहे हैं। तत्कालीन जनता दल गठबंधन की सरकार में उनको उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी भी मिल चुकी है। ओबरा बिल्ली गांव के रहने वाले विधायक संजीव के दादा रघुनाथ प्रसाद लगातार 35 साल तक प्रधान रहे हैं। संजीव कुमार गोंड़ ने ओबरा कॉलेज से स्नातक किया है। 2017 के विधानसभा चुनाव में ओबरा से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर वह विधायक बने थे।

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