जिलाधकारी बस्ती के माध्यम से
मेधा प्रवक्ता, दीन दयाल तिवारी।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार अनुसूचित जाति जनजाति की भांति सामान्य एवं पिछड़े वर्ग के छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति एवं छात्र बृत्ति दिया जाना चाहिए।अनुसूचितजाति एवं जनजाति के पात्रता की आय सीमा दो लाख निर्धारित है।इसी क्रम में सामान्य एव पिछड़े वर्ग के छात्रों की आय सीमा सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार ढाई लाख रुपये वार्षिक जाय।सभी वर्गों के छात्रों के लिए परीक्षा परिणाम के प्रतिशत की बाध्यता समाप्त किया जाय।वर्ष2021-2022में लगभग20लाख छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति से वंचित कर दिया गया।इससे गरीब छात्रों में घोर निराशा और वे आर्थिक कारणों से परेशान हैं उनकी शिक्षा बाधित हो रही है।जिसके संबंध में मेधा प्रवक्तादीन दयाल तिवारी ने आज शनिवार को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन देते समय, उमेश चंद्र पाण्डे, बृजेश द्विवेदी,मुन्ना पाण्डे, राहुल त्रिपाठी, गुड्डू मिश्र, संतीश मिश्रा, मुकेश, अतुल कुमार, आदि मौजूद रहे
रिपोर्ट: अनिल श्रीवस्तव बस्ती लाइव भारत समाचार