बस्ती ,30 मई : लाइव भारत समाचार :- हिन्दी पत्रकारिता का वर्तमान और भविष्य दोनों अच्छा है। पत्रकारों को अपना चाल,चरित्र और चेहरा सुधारना होगा। यह बातें वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्रनाथ तिवारी ने कहीं। वे प्रेस क्लब सभागार में हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित ‘पत्रकारिता का वर्तमान व अतीत’ विषय पर आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अभाव को स्वभाव बनाने वाले पत्रकार कभी सत्ता की दलाली नहीं करते, बल्कि अपने समाचारों, संपादकीय व समीक्षात्मक खबरों से सत्ता को रास्ता दिखाते हैं लेकिन अहंकारी और शक्तिशाली सत्ता ने हमेशा उन्हें अपने पॉवर और धनबल के आगे नतमस्तक करने का प्रयास किया है। उन्होंने यह भी कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद कुछ पत्रकार देश में बचे हैं जिनके ज़मीर का सौदा शक्तिशाली और अहंकारी सत्ता नहीं कर पा रही है। वरिष्ठ पत्रकार दिनेश चन्द पाण्डेय ने कहा कि अखबारों के सामने चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। बड़े समाचार माध्यम सत्ता की आवाज में आवाज मिलाने में विश्वास करते हैं और छोटे मझोले समाचार माध्यम हमेशा पीड़ित मानवता की पैरोकारी करते हैं और ऐसे ही अखबारों के सामने चुनौतियां भी ज्यादा खड़ी की जा रही हैं। केडी मिश्रा ने हिन्दी पत्रकारिता की शुरूआत से लेकर वर्तमान तक के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा पत्रकारों को कम संसाधनों में जीवन जीने की आदत डालनी चाहिये।वरिष्ठ पत्रकार मजहर आजाद ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता हमारे रगों मे रची बसी है। हम जिस क्षेत्र में रहते हैं वहां हिन्दी का कोई विकल्प नहीं है। इसका भविष्य बेहतर है। जयंत मिश्रा ने कहा पत्रकारों को लिखने पढ़ने की आदत डालनी होगी। कई बार ऐसा होता है जब विषय की जानकारी न होने पर पत्रकार को सार्वजनिक रूप से शर्मिन्दा होना पड़ता है। कार्यक्रम का संचालन प्रेस क्लब अध्यक्ष विनोद कुमार उपाध्याय ने किया। उन्होंने कहा कि बस्ती की पत्रकारिता उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा समृद्ध है। यहां पत्रकारों में एकजुटता भी है और विषय की जानकारी भी। अध्यक्षता कर रहे प्रकाश चन्द गुप्ता ने कहा हिन्दी पत्रकारिता का स्वर्णिम युग रहा है। वर्तमान में हिन्दी पत्रकारिता में उर्दू व अंग्रेजी शब्दों का समावेश देखने को मिलता है जिससे हिन्दी पत्रकारिता कमजोर होती है। उन्होंने सभी को पत्रकारिता दिवस की शुभकामनायें दिया।प्रेस क्लब महामंत्री महेन्द्र तिवारी ने कहा हिन्दी पत्रकारिता जितना सशक्त कोई दूसरा माध्यम नहीं है। संकट सिर्फ विश्वास का है। पत्रकार जन सामान्य का विश्वास खोते जा रहे हैं। समाज या सत्ता के ताकतवर लोग हमेशा मीडिया को दबाने की कोशिश करते हैं लेकिन पीड़ितों, सताये गये लोगों के विश्वास और आशीर्वाद से पत्रकार किसी से भी टकराने का साहस रखता है। मौजूदा परिवेश ऐसा है जिसमें पत्रकार के साथ न ताकतवर लोग हैं और न ही पीड़ित, शोषित जनता। इसलिये हमें सबसे पहले अपने आचरण का मूल्यांकन करना होगा।
सहायक सूचना निदेशक प्रभाकर तिवारी ने बस्ती के पत्रकारिता की सराहना की। उन्होंने कहा हमारे सेवा काल में सबसे ज्यादा बस्ती की सेवा यादगार रहेगी। सभी पत्रकारों ने सहायक सूचना निदेश का माल्यार्पण कर स्वागत किया और उन्हे अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह देकर उनके उज्ज्वल भविष्य व स्वस्थ जीवन की कामना किया। उन्होंने पत्रकार राहत कोष में योगदान भी दिया। वे 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार पुनीत दत्त ओझा, प्रदीप चन्द पाण्डेय, सरदार जगवीर सिंह, चन्द्रप्रकाश शर्मा आदि ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। कार्यक्रम में अनुराग श्रीवास्तव, रामकुमार, कौशल किशोर ओझा, अशोक श्रीवास्तव, वशिष्ठ पाण्डेय, राजेन्द्र उपाध्याय, राकेश चन्द श्रीवास्तव, रामधीरज सिंह, अरूणेश श्रीवास्तव, तबरेज आलम, लवकुश सिंह, अभिषेक गौतम, सर्वेश श्रीवास्तव, चन्द्रमोहन लाल, राकेश गिरि, सुनील मिश्रा, दिनेश सिंह, ओम शुक्ल, सुदृष्टि नारायण, गोकरण नारायण पाण्डेय, संदीप गोयल, ओमप्रकाश पाण्डेय, दिनेश कुमार पाण्डेय, दिलीप पाण्डेय, ब्रह्सेवक पाण्डेय, जितेन्द्र कुमार, जितेन्द्र श्रीवास्तव, अनिल श्रीवास्तव,संजय विश्वकर्मा, वीके त्रिपाठी, हरिओम लल्ला, संतोष श्रीवास्तव, संदीप ओझा, राघवेन्द्र सिंह, लवकुश यादव, शिवप्रकाश गौड़, शिवराज सिंह, अश्वनी शुक्ला, सुबाष पाण्डेय, राधेश्याम दूबे, राकेश तिवारी, सुरेश सिंह गौतम, आशुतोष नारायण पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट ,बस्ती ब्यूरो : लाइव भारत समाचार