बस्ती, 04 जून लाइव भारत समाचार ;- ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए रेल हादसे में करीब 300 लोगों की मौत हो गई और एक हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। आरक्षित सीटों पर यात्रा कर रहे लोग सरकारी गणना में आ गये लेकिन ट्रेन की बोगियों में बोरे की तरह इूसे गये यात्रियों के परिजन अपनी बेबसी और लाचारी पर रो रहे हैं।
यह बातें कांग्रेस आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव महेन्द्र श्रीवास्तव ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होने कहा दुर्घटना में मारे गये लोगों को कफन तक नसीब नही हुआ। लाशों के साथ इस कदर संवेदनहीनता बरती गईं कि इंसानियत भी कांप जाये। हैरानी इस बात की है कि अब तक घटना की किसी ने जिम्मेदारी नही ली। प्रधानमंत्री और रेल मंत्री की नैतिकता इतनी मर गयी है कि उन्होने एक इंसानी जिंदगी की कीमत 10 लाख रूपया तय करके अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। कांग्रेस नेता ने कहा कम से कम रेलमंत्री को जिम्मेदारी लेते हुये अपना इस्तीफा दे देना चाहिये।
यात्रियों की सुरक्षा के लिये लाया गया कवच भी समय पर काम नही आया और हजारों परिवार एक झटके से बरबाद हो गये। कांग्रेस नेता ने कहा आज के 67 साल पहले हुई रेल दुर्घटना से आहत तत्कालीन रेलमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने पण्डित नेहरू को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इस्तीफा स्वीकार करते समय सदन में पण्डित नेहरू ने कहा था शास्त्री जी का इस्तीफा इसलिये नही स्वीकार किया जा रहा है कि वे इस घटना के जिम्मेदार हैं, बल्कि आगे चलकर यह नजीर बने इसलिये इस्तीफा मंजूर किया जाता है। कांग्रेस नेता महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा नजीर वे पेश करते हैं जिनका ज़मीर जिंदा होता है। उन्होने पीएम और रेलमंत्री की असंवेदनहीनता की निंदा की और मृतकों को 50 लाख तथा गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 10 लाख की आर्थिक मदद देने की मांग किया।
रिपोर्ट: अनिल श्रीवास्तव लाइव भारत समाचार