लाइव भारत समाचार में आपका स्वागत है बस्ती , 23 मार्च : लाइव भारत समाचार :- स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी, प्रखर चिन्तक समाजवादी विचारक डॉ. राम मनोहर लोहिया को उनकी जयन्ती पर समाजवादी पार्टी कार्यालय पर आयोजित संगोष्ठी में शनिवार को याद किया गया। उनके चित्र पर माल्यार्पण करते हुये वक्ताओं ने कहा कि डॉ. लोहिया ने विश्व-नागरिकता का सपना देखा था। वह मानव-मात्र को किसी देश का नहीं बल्कि विश्व का नागरिक मानते थे। जनता को वह जनतंत्र का निर्णायक मानते थे। डॉ. लोहिया को नमन् करते हुये समाजवादी पार्टी के सपा अध्यक्ष एवं सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव ने कहा कि डा. लोहिया मानव की स्थापना के पक्षधर समाजवादी थे। वह समाजवादी भी इस अर्थ में थे कि, समाज ही उनका कार्यक्षेत्र था और वह अपने कार्यक्षेत्र को जनमंगल की अनुभूतियों से महकाना चाहते थे। वे चाहते थे कि व्यक्ति-व्यक्ति के बीच कोई भेद, कोई दुराव और कोई दीवार न रहे। सब जन समान हो, सब जन का मंगल हो। उनका मानना था कि सरकार चाहे लड़ती रहे मगर हिंदू और मुसलमानों को एक हो जाना चाहिए डॉक्टर लोहिया ने न्याय उदारता और दृढ़ता से हिंदू मुसलमानों के विनाश के कारणों को ढूंढने तथा उनका समाधान करने की प्रेरणा दी । अध्यक्षता करते हुये पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय, चन्द्रभूषण मिश्र, मो. स्वाले, राघवेन्द्र सिंह राजेन्द्र चौरसिया, गुलाम गौस आदि ने कहा कि डा. लोहिया के जीवन से युवा पीढी को प्रेरणा लेनी चाहिये कि किस प्रकार से उन्होने विषम परिस्थितियों में समाजवाद की अलख को जगाये रखा। सपा विधायक राजेन्द्र चौधरी, कविन्द्र चौधरी अतुल ने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया की दृष्टि में भारत को सुधारने और उसे प्रगति की राह पर लाने का एकमात्र रास्ता समाजवाद था उनके समाजवाद संबंधी विचारों का उल्लेख उनकी पुस्तकों में मिलता है। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिये। कहा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, छात्र-छात्राओं में हताशा की किरणें और आए दिन राजनीतिक परिदृश्य में परिवर्तन इस ओर इशारा करती हैं कि राम मनोहर लोहिया की समाजवादी विचारधारा आज भी प्रासंगिक है। गोष्ठी में अरविन्द सोनकर, जावेद पिण्डारी, मो. सलीम, मो. युनूस, रहमान सिद्दीकी, विपिन त्रिपाठी, अखिलेश यादव, अभय यादव, हनुमान गौड, राजेश, गीता भारती, राम सिंह यादव, रन बहादुर श्यादव, जर्सी यादव, संजय गौतम, हनुमान यादव, हरेश्याम विश्वकर्मा, फौजदार, पंकज मिश्र, परशुराम यादव, घनश्याम यादव, राजदेव प्रसाद, प्रशान्त यादव, शिवा पाण्डेय, दिनेश तिवारी, कांग्रेस नेता नन्देश्वर शुक्ल, लालजीत पहलवान के साथ ही सपा के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे। रिपोर्ट , राज श्रीवास्तव : लाइव भारत समाचार
सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

जनता को जनतंत्र का निर्णायक मानते थे डा0 लोहिया – सदर विधायक महेंद्र यादव

बस्ती , 23 मार्च : लाइव भारत समाचार :- स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी, प्रखर चिन्तक समाजवादी विचारक डॉ. राम मनोहर लोहिया को उनकी जयन्ती पर समाजवादी पार्टी कार्यालय पर आयोजित संगोष्ठी में शनिवार को याद किया गया। उनके चित्र पर माल्यार्पण करते हुये वक्ताओं ने कहा कि डॉ. लोहिया ने विश्व-नागरिकता का सपना देखा था। वह मानव-मात्र को किसी देश का नहीं बल्कि विश्व का नागरिक मानते थे। जनता को वह जनतंत्र का निर्णायक मानते थे।
डॉ. लोहिया को नमन् करते हुये समाजवादी पार्टी के सपा अध्यक्ष एवं सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव ने कहा कि डा. लोहिया मानव की स्थापना के पक्षधर समाजवादी थे। वह समाजवादी भी इस अर्थ में थे कि, समाज ही उनका कार्यक्षेत्र था और वह अपने कार्यक्षेत्र को जनमंगल की अनुभूतियों से महकाना चाहते थे। वे चाहते थे कि व्यक्ति-व्यक्ति के बीच कोई भेद, कोई दुराव और कोई दीवार न रहे। सब जन समान हो, सब जन का मंगल हो। उनका मानना था कि सरकार चाहे लड़ती रहे मगर हिंदू और मुसलमानों को एक हो जाना चाहिए डॉक्टर लोहिया ने न्याय उदारता और दृढ़ता से हिंदू मुसलमानों के विनाश के कारणों को ढूंढने तथा उनका समाधान करने की प्रेरणा दी ।
अध्यक्षता करते हुये पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय, चन्द्रभूषण मिश्र, मो. स्वाले, राघवेन्द्र सिंह राजेन्द्र चौरसिया, गुलाम गौस आदि ने कहा कि डा. लोहिया के जीवन से युवा पीढी को प्रेरणा लेनी चाहिये कि किस प्रकार से उन्होने विषम परिस्थितियों में समाजवाद की अलख को जगाये रखा। सपा विधायक राजेन्द्र चौधरी, कविन्द्र चौधरी अतुल ने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया की दृष्टि में भारत को सुधारने और उसे प्रगति की राह पर लाने का एकमात्र रास्ता समाजवाद था उनके समाजवाद संबंधी विचारों का उल्लेख उनकी पुस्तकों में मिलता है। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिये। कहा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, छात्र-छात्राओं में हताशा की किरणें और आए दिन राजनीतिक परिदृश्य में परिवर्तन इस ओर इशारा करती हैं कि राम मनोहर लोहिया की समाजवादी विचारधारा आज भी प्रासंगिक है।
गोष्ठी में अरविन्द सोनकर, जावेद पिण्डारी, मो. सलीम, मो. युनूस, रहमान सिद्दीकी, विपिन त्रिपाठी, अखिलेश यादव, अभय यादव, हनुमान गौड, राजेश, गीता भारती, राम सिंह यादव, रन बहादुर श्यादव, जर्सी यादव, संजय गौतम, हनुमान यादव, हरेश्याम विश्वकर्मा, फौजदार, पंकज मिश्र, परशुराम यादव, घनश्याम यादव, राजदेव प्रसाद, प्रशान्त यादव, शिवा पाण्डेय, दिनेश तिवारी, कांग्रेस नेता नन्देश्वर शुक्ल, लालजीत पहलवान के साथ ही सपा के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे।

रिपोर्ट , राज श्रीवास्तव : लाइव भारत समाचार

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