लाइव भारत समाचार में आपका स्वागत है बस्ती ,22 अप्रैल : लाइव भारत समाचार : - बाढ़ से प्रभावित होने वाले जनपद के लगभग 120 गांव की निगरानी के लिए 60 अधिकारी तैनात करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट अंद्रा वामसी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जनपद स्तरीय बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने निर्देश दिया है कि बैराज से छोड़े जाने वाले पानी के समय पर सतर्क निगाह रखें, बाढ़ प्रभावित गांव की कम्युनिकेशन प्लान तैयार करें तथा अति संवेदनशील गांव पर विशेष सतर्कता बरते। उन्होंने सीडीओ को निर्देशित किया है कि निर्माणाधीन सात परियोजनाओं की एक सप्ताह में जांच कमेटी से जांच करा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। लगभग एक माह पूर्व जांच के आदेश दिए गए थे परंतु अभी तक जांच पूरी न किए जाने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त किया तथा अधिशासी अभियंता बाढ़ को चेतावनी दिया है। उन्होंने कहा कि प्रायः बैराज से पानी छोड़े जाने पर निचले स्तर पर बाढ़ आती है परंतु इसमें भी दो से तीन दिन का समय लगता है। यदि पानी छोड़े जाने की समय से जानकारी हो जाए, तो इस दौरान हम अपनी तैयारी को बेहतर बना सकते हैं तथा जानमाल की सुरक्षा कर सकते हैं। उन्होंने अधिशासी अभियंता बाढ़ को निर्देशित किया कि उच्च स्तर पर समन्वय स्थापित करते हुए समय से सूचना उपलब्ध कराएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि इमर्जेन्सी में बांधों की सुरक्षा हेतु आवश्यक सामग्री समय से एकत्र कर ले। बांधों के किनारे बड़ा मैदान, जेसीबी आदि का इंतजाम भी रखें। उन्होंने निर्देश दिया कि बेहतर विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए समय से सभी तैयारियां पूरी करें, समय से कंट्रोल रूम प्रारंभ करें तथा यहां पर प्राप्त होने वाली प्रत्येक सूचनाओं पर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सभी सीएचसी/पीएचसी को सक्रिय रखें, मेडिकल कैंप लगाने की व्यवस्था रखें तथा प्रत्येक बाढ़ चौकी पर स्वास्थ्य कर्मी तैनात करें। इस दौरान सांप काटने पर लगने वाले इंजेक्शन तथा अन्य जीवन रक्षक दवाएं, क्लोरीन की गोलियां, ओआरएस घोल की समुचित व्यवस्था रखें। उन्होंने पशुपालन विभाग को निर्देशित किया कि समय से भूसा एवं चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करें तथा बाढ़ के समय में लगने वाले पशुओं के टीका की आपूर्ति सुनिश्चित कराएं। साथ ही अस्थायी गोशालाओं के लिए स्थल चिन्हित कर लें। उन्होंने आपूर्ति विभाग को निर्देशित किया कि शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप बाढ़ राहत सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को बाढ़ के समय विद्युत आपूर्ति रोकने तथा उसे चालू करने में सतर्कता बरतने का विशेष निर्देश दिया है। समीक्षा में उन्होंने पाया कि जनपद की दो तहसीलें बस्ती सदर एवं हर्रैया के लगभग 120 गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं। जिले में कुल 16 तटबंध है, जिनके मरम्मत एवं रख-रखाव का कार्य बाढ़ खंड प्रथम द्वारा किया जाता है। उन्होंने दोनों उप जिलाधिकारी को निर्देशित किया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र के तटबंधों का निरीक्षण करके रिपोर्ट दें ताकि समय से उनकी मरम्मत कराई जा सके। इस दौरान वे प्रत्येक गांव में बाढ़ समितियां को गठित कर दें। निर्धारित स्थलों पर बाढ़ चौकी के लिए सभी विभागों के कर्मचारियों की तैनाती कर दें तथा उनकी सूची तहसील मुख्यालय पर उपलब्ध कराएं। अधिशासी अभियन्ता दिनेश कुमार ने बताया कि जनपद में स्थित सभी तटबंधों के लिए बाढ़ खण्ड के सहायक अभियन्ता तथा अवर अभियन्ता की तैनाती करते हुए उनका मुख्यालय निर्धारित कर दिया गया है। इसके साथ बाढ़ नियंत्रण चौकियों पर भी कर्मचारी की तैनाती कर दी गयी है। 01 जून से 31 अक्टूबर तक के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करते हुए तीन शिफ्ट में कर्मचारियों की ड्यिूटी लगा दी गयी है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष का टेलीफोन नम्बर-05542-299190 तथा मो0नं0-9473657098 है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के प्रभारी सहायक अभियन्ता हरिश्चन्द्र है। बैठक में सीडीओ जयदेव सीएस, एडीएम कमलेश चन्द्र, सीएमओ डा. आर.एस. दूबे, अधिशासी अभियन्ता पीडब्ल्यूडी केशवलाल तथा अवधेश कुमार, विद्युत के महेन्द्र मिश्र तथा मनोज सिंह, उप जिलाधिकारी शत्रुध्न पाठक तथा विनोद कुमार पाण्डेय, सीबीओ डा. अमर सिंह, सीओ सदर विनय सिंह चौहान तथा विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहें। रिपोर्ट ,बस्ती ब्यूरो : लाइव भारत समाचार
सोमवार, 23 दिसम्बर , 2024

जनपद के बाढ़ से प्रभावित 120 गांवों की निगरानी के लिए 60 अधिकारी तैनात -जिलाधिकारी ने दिए निर्देश

बस्ती ,22 अप्रैल : लाइव भारत समाचार : – बाढ़ से प्रभावित होने वाले जनपद के लगभग 120 गांव की निगरानी के लिए 60 अधिकारी तैनात करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट अंद्रा वामसी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जनपद स्तरीय बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने निर्देश दिया है कि बैराज से छोड़े जाने वाले पानी के समय पर सतर्क निगाह रखें, बाढ़ प्रभावित गांव की कम्युनिकेशन प्लान तैयार करें तथा अति संवेदनशील गांव पर विशेष सतर्कता बरते। उन्होंने सीडीओ को निर्देशित किया है कि निर्माणाधीन सात परियोजनाओं की एक सप्ताह में जांच कमेटी से जांच करा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। लगभग एक माह पूर्व जांच के आदेश दिए गए थे परंतु अभी तक जांच पूरी न किए जाने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त किया तथा अधिशासी अभियंता बाढ़ को चेतावनी दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रायः बैराज से पानी छोड़े जाने पर निचले स्तर पर बाढ़ आती है परंतु इसमें भी दो से तीन दिन का समय लगता है। यदि पानी छोड़े जाने की समय से जानकारी हो जाए, तो इस दौरान हम अपनी तैयारी को बेहतर बना सकते हैं तथा जानमाल की सुरक्षा कर सकते हैं। उन्होंने अधिशासी अभियंता बाढ़ को निर्देशित किया कि उच्च स्तर पर समन्वय स्थापित करते हुए समय से सूचना उपलब्ध कराएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि इमर्जेन्सी में बांधों की सुरक्षा हेतु आवश्यक सामग्री समय से एकत्र कर ले। बांधों के किनारे बड़ा मैदान, जेसीबी आदि का इंतजाम भी रखें। उन्होंने निर्देश दिया कि बेहतर विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए समय से सभी तैयारियां पूरी करें, समय से कंट्रोल रूम प्रारंभ करें तथा यहां पर प्राप्त होने वाली प्रत्येक सूचनाओं पर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सभी सीएचसी/पीएचसी को सक्रिय रखें, मेडिकल कैंप लगाने की व्यवस्था रखें तथा प्रत्येक बाढ़ चौकी पर स्वास्थ्य कर्मी तैनात करें। इस दौरान सांप काटने पर लगने वाले इंजेक्शन तथा अन्य जीवन रक्षक दवाएं, क्लोरीन की गोलियां, ओआरएस घोल की समुचित व्यवस्था रखें। उन्होंने पशुपालन विभाग को निर्देशित किया कि समय से भूसा एवं चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करें तथा बाढ़ के समय में लगने वाले पशुओं के टीका की आपूर्ति सुनिश्चित कराएं। साथ ही अस्थायी गोशालाओं के लिए स्थल चिन्हित कर लें। उन्होंने आपूर्ति विभाग को निर्देशित किया कि शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप बाढ़ राहत सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को बाढ़ के समय विद्युत आपूर्ति रोकने तथा उसे चालू करने में सतर्कता बरतने का विशेष निर्देश दिया है।
समीक्षा में उन्होंने पाया कि जनपद की दो तहसीलें बस्ती सदर एवं हर्रैया के लगभग 120 गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं। जिले में कुल 16 तटबंध है, जिनके मरम्मत एवं रख-रखाव का कार्य बाढ़ खंड प्रथम द्वारा किया जाता है। उन्होंने दोनों उप जिलाधिकारी को निर्देशित किया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र के तटबंधों का निरीक्षण करके रिपोर्ट दें ताकि समय से उनकी मरम्मत कराई जा सके। इस दौरान वे प्रत्येक गांव में बाढ़ समितियां को गठित कर दें। निर्धारित स्थलों पर बाढ़ चौकी के लिए सभी विभागों के कर्मचारियों की तैनाती कर दें तथा उनकी सूची तहसील मुख्यालय पर उपलब्ध कराएं।
अधिशासी अभियन्ता दिनेश कुमार ने बताया कि जनपद में स्थित सभी तटबंधों के लिए बाढ़ खण्ड के सहायक अभियन्ता तथा अवर अभियन्ता की तैनाती करते हुए उनका मुख्यालय निर्धारित कर दिया गया है। इसके साथ बाढ़ नियंत्रण चौकियों पर भी कर्मचारी की तैनाती कर दी गयी है। 01 जून से 31 अक्टूबर तक के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करते हुए तीन शिफ्ट में कर्मचारियों की ड्यिूटी लगा दी गयी है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष का टेलीफोन नम्बर-05542-299190 तथा मो0नं0-9473657098 है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के प्रभारी सहायक अभियन्ता हरिश्चन्द्र है।
बैठक में सीडीओ जयदेव सीएस, एडीएम कमलेश चन्द्र, सीएमओ डा. आर.एस. दूबे, अधिशासी अभियन्ता पीडब्ल्यूडी केशवलाल तथा अवधेश कुमार, विद्युत के महेन्द्र मिश्र तथा मनोज सिंह, उप जिलाधिकारी शत्रुध्न पाठक तथा विनोद कुमार पाण्डेय, सीबीओ डा. अमर सिंह, सीओ सदर विनय सिंह चौहान तथा विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहें।

रिपोर्ट ,बस्ती ब्यूरो : लाइव भारत समाचार

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