बस्ती ,07 दिसंबर : लाइव भारत समाचार :- वरिष्ठ चिकित्सक, प्रसिद्ध समाजसेवी ,साहित्यकार डॉ. वी.के. वर्मा को उनके साहित्यिक योगदान के लिये विक्रम शिला हिन्दी विद्या पीठ भागलपुर से हिन्दी साहित्य गौरव और ग्लोबल फाउन्डेशन लखनऊ द्वारा साहित्य शिरोमणि सम्मान से सम्मानित किया गया।
कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित एक परिचर्चा संगोष्ठी में डॉ. वी.के. वर्मा को वरिष्ठ कवि डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने साहित्यकारों के साथ सम्मान पत्र भेट किया।
डा. वी.के. वर्मा के साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डालते हुये डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने कहा कि ‘मानवता के स्वर, काव्य मुखी, युग चित्र, भावानुभूति, काव्य सौरभ, ‘भाव मन्थन’ काव्य संग्रह एवं लघु कथा संग्रह ‘सोच, कहानी संग्रह उत्कर्ष एवं ‘कोविड 19 काव्य संग्रह’ जैसी कृतियों की रचना सहज कार्य नहीं है. डॉ. वर्मा ने चिकित्सक और साहित्यकार दोनों सन्दर्भो में स्वयं को सिद्ध किया है। बुद्ध पर केन्द्रित प्रबन्ध काव्य ‘तथागत’ शीघ्र पाठकों के सम्मुख होगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम प्रकाश शर्मा ने कहा कि डॉ. वर्मा का व्यक्तित्व बहु आयामी है। वे व्यस्ततम क्षणों में साहित्य के लिये जो योगदान कर रहे हैं निश्चित रूप से वह सराहनीय है। इतने कम समय में 9 कृतियों की रचना बड़ी उपलब्धि है।
सम्मान प्राप्त करने के बाद डॉ. वी.के. वर्मा ने कहा कि वे जिन स्थितियों को अनूभूत करते हैं उसे काव्य में ढालने की कोशिश करते हैं। इससे उन्हें आत्म सन्तोष होता है। सम्मान से सामाजिक उत्तरदायित्व और बढ जाता है।
डा. वी.के. वर्मा को सम्मानित किये जाने पर डॉ. राम नरेश सिंह ‘ मंजुल’ डा. रामजी सोनी, डा. विनोद सचान, विनोद कुमार उपाध्याय, बी.के. मिश्र, पेशकार मिश्र, पं0 चन्द्रबली मिश्र, डा. बी.बी. मिश्र, डा. के.के. सिंह, दीपक सिंह प्रेमी, असद वस्तवी, बाबूराम वर्मा, नवनीत पाण्डेय, बटुक नाथ शुक्ल आदि ने प्रसन्नता व्यक्त किया है।
रिपोर्ट ,बस्ती ब्यूरो : लाइव भारत समाचार