बस्ती, 28 फरवरी लाइव भारत समाचार :-वेब मीडिया एसोसियेशन (रजि.) के तत्वावधान में प्रेस क्लब सभागार में आयोजित पत्रकारों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे 60 पत्रकारों ने हिस्सा लिया और समाचार लेखन, संपादन व डिजिटल माध्यमों में बेहतर परिणाम पाने के तरीकों की जानकारी प्राप्त की। उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुये वरिष्ठ पत्रकार एवं शिक्षक नेता संजय द्विवेदी ने कहा पत्रकारों को विषय वस्तु की जानकारी होनी बहुत आवश्यक है। पत्रकारों का काम आलोचना और समीक्षा का है, इसलिये हमें अपने व्यक्तित्व और शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना होगा।
पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं का जिक्र करते हुये संजय द्विवेदी ने कहा पत्रकार जब पक्षकार बन जाता है तो ऐसी घटनायें घटती हैं। इसलिये पत्रकारों को हमेशा न्याय का पक्ष लेना चाहिये। इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार जयंत कुमार मिश्रा, प्रेस क्लब अध्यक्ष विनोद कुमार उपाध्याय ने पत्रकारों के महत्व को समझाया कहा कि पत्रकार को अपने लेखन पर ध्यान देना चाहिए,खबरें विवादित नहीं होना चाहिए। वेब मीडिया एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष सर्वेश श्रीवास्तव, राजकुमार पाण्डेय, राजन चौधरी, डब्लूएमए के संयोजक अशोक श्रीवास्तव ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की।
कार्यक्रम समापन पर वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र नाथ तिवारी ने कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डाला,उन्होंने कहा पत्रकारिता का क्षेत्र काफी संघर्ष पूर्ण होता है,हमारा एक ही लक्ष्य होना चाहिए अहंकारी, लोकतंत्र विरोधी व जनविरोधी सत्ता का विरोध कर उस पर अंकुश लगाना।सत्ता से मेल रखने वाले पत्रकार असली नहीं होते हैं।अधिक तर लोग द्वेष भावना से पत्रकारिता करते हैं ऐसा नहीं होना चाहिए,आत्म चिंतन करिए कि हमारे पास पड़ोस परेशान तो नहीं हो रहे हैं,समाज परेशान तो नहीं हो रहा है, हमसे दिक्कत कहाँ आ रही है,समाज में शांति स्थापित करना पत्रकारिता का दूसरा नाम है।उन्होंने कहा कार्य शाला में बताईं गई बातों को अपने ब्यवहार में लाएं और सत्य का साथ कभी न छोड़ें, परिस्थितियां चाहे जैसी भी हो।
वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप चन्द्र पाण्डेय ने समाचार लेखन पर अपने व्याख्यान में कहा कि समाचारों के लेखन में तथ्य, कथ्य, प़क्ष, समाज पर इसके प्रभाव को गंभीरता से समझना होगा। संपादकीय में इन सारी चीजों के साथ साथ लेखक के विचार और समाधान भी होना चाहिये। समाचारों का मुखड़ा बहुत खास होता है। हर वाक्य पूर्ण होना चाहिये और पहले पैराग्राफ में ही पूरी जानकारी पाठक को मिल जानी चाहिये।
वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र पाण्डेय ने कहा खबरों के बाद की खबरें पत्रकार नही लिख रहे हैं। समीक्षा तो बिलकुल नही देखी जा रही है। पूरी पत्रकारिता विज्ञप्तियों और सूचनाओं तक सिमटकर रह गयी है। यह पत्रकारिता का क्षरण है और यही कारण है कि हम जन विश्वास खोते जा रहे हैं। उन्होने कहा अखबार दस्तावेज हैं, कई बार साक्ष्य बन जाते हैं।
अशोक श्रीवास्तव ने सीधी सपाट खबरों के लेखन, कामा, पूर्णविराम, इनवर्टेट कामा, पैसिव वायस तथा शब्दों की पुनरावृत्ति से बचने व मात्रा की त्रुटियों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कहा समाचारों में वाक्य छोटे होने चाहिये।
सर्वेश श्रीवास्तव, वी पी लहरी,सी पी शर्मा, हरि ओम प्रकाश,आशुतोष नरायन मिश्र, दिलीप कुमार श्रीवास्तव,अरूण कुमार, अजीत श्रीवास्तव, अमन पाण्डे,संजय, अनूप बरनवाल, अथर्व श्रीवास्तव, अब्दुल कलाम, अजय यादव, राशिद मलिक, सतेन्द्र द्विवेदी, कृष्णकांत श्रीवास्तव, राजितराम यादव, जयशंकर, सहित तमाम पत्रकारों ने कार्यशाला में हिस्सा लिया। वेब मीडिया एसोसियेशन के पदाधिकारियों ने अतिथियों को फूल मालाओं से स्वागत किया। सभी ने आयोजन को सफल बताते हुये इसकी सराहना की
रिपोर्ट: अनिल श्रीवास्तव लाइव भारत समाचार